धान खरीद और बकाया भुगतान बना मुख्य मुद्दा
धरने पर बैठे किसानों ने स्पष्ट कहा कि सरकार उनके पास मौजूद धान की तत्काल खरीद सुनिश्चित करे, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके। इसके साथ ही, पहले से रुके हुए भुगतान को भी शीघ्र जारी किया जाए। किसानों का आरोप है कि बार-बार ज्ञापन देने और आश्वासन मिलने के बावजूद ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
“होश में आओ सरकार” के नारे, आंदोलन तेज
सुभाष चौक पर बैठे किसानों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा— “धामी सरकार होश में आओ, किसानों की सुनवाई करो।” आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो यह धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। किसानों का गुस्सा इस कदर बढ़ा हुआ दिखा कि उन्होंने चेतावनी दी—यदि सरकार ने अनदेखी जारी रखी, तो किसान कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे।
आंदोलन की अगुवाई और सहभागिता
धरने की अगुवाई मुख्य संयोजक जगजीत सिंह भुल्लर कर रहे हैं। उनके साथ धर्मेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, समाजसेवी राणा भुल्लर, अमनप्रीत, अमृत जोहल, लखविंदर सिंह, गुरविंदर सिंह, रजत अरोड़ा, गुरदेव सिंह, सुरजीत सिंह ढिल्लों सहित दूर-दराज़ से आए अनेक किसान और उनके साथी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मांगों के पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।
प्रशासन और सरकार पर बढ़ता दबाव
किसानों के इस उग्र और संगठित आंदोलन से स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। आंदोलन स्थल पर शांति बनी हुई है, लेकिन किसानों का आक्रोश यह संकेत दे रहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
जसपुर, जिला उधम सिंह नगर से
ब्यूरो चीफ: रवि शर्मा की खास रिपोर्ट
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