स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते फलफूल रहा नशे का बाजार , बिना लाइसेंस भी संचालित मैडिकल स्टोर
देवबंद । जनपद सहारनपुर मे हाल के समय मे आप्रेशन सवेरा की धूम मची हुई है अलग अलग थाना क्षेत्रों से नशा तस्करों पर कारवाई की ख़बरें मीडिया के माध्यम से चर्चाओं का बनी हुई हैं कहीं 450 ग्राम तो कहीं इस से भी अधिक नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों को जैल भेजा जा रहा है लेकिन वहीँ बात करें देवबंद थाना क्षेत्र की तो यहां नशे के सौदागरों के रुतबे और दबदबे मे कोई कमी नही आई है ।
चंद सप्ताह ही जब देवबंद थाना पुलिस ने एक दो छुटभैये तस्करों को पकडा तो मंगलौर चोकी क्षेत्र मे स्मेक के तस्कर शहंशाह गैंग मे खलबली मची हुई थी जो बिना किसी ख़बर के प्रकाशन के ही समाप्त भी हो गई ना कोई गिरफ्तारी ना बरामदगी साथ ही तस्करी का पैमाना भी बढ़ गया है अब स्मेक, गाँजा , चरस , और सुलफे के साथ साथ देवबंद नगर मे नशे की गोलियां और इंजेक्शन का बाजार भी बढ़ता जा रहा है।
जिसका ताज़ा लाइव प्रसारण क्षेत्र वासियों ने रती चौक से देखा था जहां दो युवकों के बीच नशे की गोलियों कम ज्यादा खाने को लेकर काफ़ी देर तक गहमागहमी देखी गई थी ।
इसके अतरिक्त देवबंद थाने पर खडे होकर एक महिला और उसका पति अपने ही मौहल्ले के नशा तस्करों की तहकीकात का खुलासा कर रहे थे हालांकि मीडिया पर वायरल ख़बर का संज्ञान लिया गया या नही इसकी हमारे पास कोई सटीक जानकारी नही है
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो नगर के चप्पे चप्पे पर नशे की गोलियों और इंजेक्शन ओवर रेटिंग पर अधिक मुनाफ़ा कमाने के चक्कर मे मेडिकल स्टोर संचालक युवाओं और छात्रों को भी ये नशे के दलदल मे धकेल रहे हैं ।
बता दें कि उत्तर प्रदेश मे कहीं भी मेडिकल स्टोर खोलने के लिए फार्मेसी लाइसेंस, ड्रग लाइसेंस, जीएसटी पंजीकरण, शॉप और एस्टाब्लिशमेंट एक्ट पंजीकरण, फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन, फार्मेसी डिग्री सर्टिफिकेट, एड्रेस प्रूफ, दुकान का किराए/स्वामित्व दस्तावेज़,दुकान की लेआउट फोटो, पैन कार्ड और आधार कार्ड के साथ साथ मेडिकल स्टोर खोलने के लिए फार्मेसी की डिग्री या डिप्लोमा होना आवश्यक है लेकिन देवबंद नगर मे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण अवैध मेडिकल स्टोरों की बाढ़ आई हुई है ।
रिपोर्ट - दीन रज़ा पत्रकार देवबंद (सहारनपुर)
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