रुड़की।बीटी गंज में आयोजित 106-वें भव्य रामलीला महोत्सव के आठवें दिन अगस्त ऋषि प्रसंग,पंचवटी निर्माण,सूर्पनखा अंग-भंग,खरदूषण वध और सीता हरण का मंचन किया गया।भगवान श्री राम,भाई लक्ष्मण और माता सीता सबसे पहले ऋषि अगस्त के आश्रम में जाकर उनके दर्शन करते हैं।अगस्त ऋषि उनका मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें पंचवटी में रहने की प्रेरणा देते हैं।
अगस्त ऋषि के दर्शन के पश्चात भगवान राम जी पंचवटी में जाते हैं और वहां कुटिया बनाते हैं।तेरह वर्षों तक वनों में घूम-घूम कर ऋषियों के दर्शन करने के पश्चात चौदहवें वर्ष में भगवान श्री राम,लक्ष्मण और माता सीता पंचवटी में आकर ठहर जाते हैं।इस दौरान शूर्पनखा कुटिया में आकर राम जी के रूप पर मोहित होकर विवाह का प्रस्ताव रखती है,वहां सूर्पनखा का नासिका भंग के मंचन के बाद सूर्पनखा अपने भाई खरदूषण के पास जाती है।
भगवान राम खरदूषण का वध कर देते हैं,बाद में वह रावण के पास जाती है।रावण मानिक संवाद के बाद सीता हरण का मंचन सभी भक्तों को भाव विभोर कर देता है।रावण जब सीता हरण कर ले जाता है तो जटायू उसे रोकने की कोशिश करते हैं,जिस पर रावण जटायु के पर काट देते हैं।इस दौरान उनका युद्ध होता है।
रामलीला महोत्सव में अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक तथा एसपी देहात चंद्रशेखर सुयाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज भगवान श्रीराम के आदर्श पर चलकर ही हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी धीर सिंह,सुशील त्यागी,पवन तोमर,सौरभ सिंघल,मनोज अग्रवाल,शशिकांत अग्रवाल,विशाल गुप्ता,नवनीत गर्ग, प्रदीप परूथी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।समिति की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए गुलवेज आलम की खास रिपोर्ट
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