शामली। जिला उपभोक्ता आयोग ने एक लंबित और विवादित बीमा मामले में स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ सख्त फैसला सुनाया है। आयोग ने कैराना निवासी विवेक कमल की याचिका पर कंपनी को ₹7,79,000 का जुर्माना और क्लेम भुगतान का आदेश दिया। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि विवेक को उनके बीमा क्लेम, जमा प्रीमियम और 9% वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान किया जाए।
कोर्ट में लंबित मामला:
विवेक कमल ने 1 नवंबर 2019 को उपभोक्ता आयोग में स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के खिलाफ याचिका दायर की। उनका आरोप था कि उन्होंने फरवरी 2015 में अपने और परिवार के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एजेंट तेजवीर सिंह (कैराना निवासी) के माध्यम से बीमा पॉलिसी ली थी। पॉलिसी में प्रत्येक सदस्य के लिए 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवर तय किया गया था।
विवेक ने पॉलिसी के लिए प्रारंभ में ₹15,427 प्रीमियम जमा कराया। अगले वर्ष 2016 में नवीनीकरण किया गया और प्रीमियम ₹15,721 देने पर बीमा राशि में 1,25,000 रुपये का बोनस जोड़कर कुल कवर 6,25,000 रुपये कर दिया गया।
दुर्घटना और क्लेम:
27 जनवरी 2017 को विवेक की कार दुर्घटना का शिकार हुई, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हुए। उन्हें पहले मेरठ और बाद में दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुर्घटना के बाद क्लेम राशि ₹7,23,257 बन गई। कंपनी ने पॉलिसी नवीनीकरण कराने पर क्लेम मंजूर करने का आश्वासन दिया और बताया कि बोनस सहित कुल कवर ₹7,75,700 होगा। विश्वास में आकर विवेक ने ₹15,790 प्रीमियम देकर पॉलिसी नवीनीकरण कराई।
कोर्ट में शिकायत:
लेकिन 10 जून 2017 को कंपनी ने बिना किसी औचित्य के विवेक की पॉलिसी रद्द कर दी और ₹3,318 का चेक वापस भेज दिया। विवेक का आरोप था कि बीमा कंपनी ने उनके साथ धोखाधड़ी की और पॉलिसी से उनका नाम हटाकर क्लेम रोक दिया। इस शिकायत के बाद मामला जिला उपभोक्ता आयोग में लंबित रहा।
आयोग का आदेश:
आयोग के अध्यक्ष हेमंत गुप्ता ने विवेक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा:
बीमा क्लेम की राशि ₹6,25,000 क्लेम निरस्तीकरण की तिथि से 9% ब्याज के साथ भुगतान की जाए।
नवीनीकरण के लिए जमा किया गया ₹15,790 प्रीमियम भी ब्याज सहित वापस किया जाए।
परिवादी के न्यायालयीय खर्च के रूप में ₹10,000 भुगतान किया जाए।
साथ ही, आयोग ने सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए बीमा कंपनी पर ₹50,000 का अतिरिक्त अर्थदंड लगाया। यह राशि नियमानुसार राजकोष में जमा होगी। आयोग ने निर्देश दिया कि कंपनी विवेक का पूर्ण चिकित्सा परीक्षण करवाने के बाद उन्हें सामूहिक बीमा पॉलिसी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रदान करे।
विशेष नोट:
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