चंडीगढ़। पंजाब में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। राज्य सरकार ने हालात की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को पंजाब के सभी 23 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित कर दिया है। भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,677 फीट तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान से मात्र तीन फीट नीचे है। बांध पर फ्लड गेट खोलकर करीब 50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे सतलुज नदी का प्रवाह तेज हो गया है और निचले इलाके जलमग्न हो रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नंगल हाइडल चैनल और श्री आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल में दरारें आने के बाद यह पानी सीधे सतलुज दरिया में जा रहा है। इसका असर रोपड़, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, फाजिल्का, तरनतारन और फिरोजपुर जैसे जिलों में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है। इन इलाकों में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
मौतों का आंकड़ा 30 तक पहुंचा
प्रशासन ने पुष्टि की है कि अब तक बाढ़ के कारण 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। लगातार बारिश ने हालात को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग ने बुधवार के लिए भी भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है।
55 गांवों में बाढ़ का खतरा, सेना अलर्ट पर
हरिके पत्तन हेडवर्क्स से तीन लाख पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन ने तरनतारन को हाई फ्लड एरिया घोषित कर दिया है। यहां करीब 55 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सेना और एनडीआरएफ की टीमों को बचाव कार्य के लिए अलर्ट पर रखा गया है।
गुरुद्वारों से की जा रही अपील
गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर पर लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया है कि अब तक 1400 गांवों के 3.54 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
फसलों को भारी नुकसान
बाढ़ की वजह से करीब 1.48 लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है। सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर में हुआ है, जहां लगभग 40 हजार हेक्टेयर फसल डूब गई। अमृतसर में 23 हजार, मानसा में 27 हजार और फिरोजपुर में 14 हजार हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द राहत पैकेज की घोषणा नहीं हुई तो उनकी आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो जाएगा।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि बचाव व राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित निकालने, अस्थायी कैंपों में ठहराने और खाद्य सामग्री व दवाओं की आपूर्ति के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।रिपोर्ट गुलवेज़ आलम कैराना
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