हरिद्वार/रुड़की।
एशिया का सबसे पुराना इंजीनियरिंग कॉलेज और भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने 2025 में अपने 178 वर्षों की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर कुल 2,614 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 1,267 स्नातक, 847 स्नातकोत्तर और 500 पीएचडी छात्र शामिल रहे।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, साथ ही प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी (पूर्व अध्यक्ष, एनसीवीईटी, भारत सरकार) मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने की।
🏅 स्वर्ण पदक विजेता
- राष्ट्रपति स्वर्ण पदक – वंश सैनी
- निदेशक स्वर्ण पदक – हार्दिक साहनी
- डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक – श्रेया मित्तल
- संस्थान रजत पदक – बालगा पवन साई
- संस्थान कांस्य पदक – अनवद्य खरे
👩🎓 महिला शोधार्थियों की बढ़ती भागीदारी
इस वर्ष 178 महिला पीएचडी पूरी करने वाली शोधार्थियों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। स्नातक वर्ग में 23% महिला प्रतिनिधित्व दर्ज किया गया, जो लैंगिक विविधता और समावेशिता की दिशा में संस्थान की गंभीर पहल को दर्शाता है।🌍 अनुसंधान और नवाचार
निदेशक प्रो. के.के. पंत ने वार्षिक रिपोर्ट में संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला—- इस वर्ष 146 पेटेंट दायर किए गए।
- ₹399 करोड़ की अनुसंधान निधि प्राप्त हुई।
- क्वांटम प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा, संसाधन प्रबंधन और स्थिरता के क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट शुरू हुए।
- आईआईटी रुड़की को राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) के तहत उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया गया।
🏫 शिक्षक दिवस पर विशेष सम्मान
इसी अवसर पर आईआईटी रुड़की ने शिक्षक दिवस 2025 मनाते हुए संकाय सदस्यों को सम्मानित किया।- उत्कृष्ट शिक्षण पुरस्कार – प्रो. स्पर्श मित्तल, प्रो. ए. स्वामीनाथन, प्रो. जितिन सिंगला
- स्नातकोत्तर शिक्षण श्रेणी पुरस्कार – प्रो. कीर्तिराज गायकवाड़, प्रो. कृतिका कोठारी
- आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार – प्रो. प्रवीण कुमार
- प्रो. बालकृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार – प्रो. राम कृष्ण पांडे
- उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान (रामकुमार पुरस्कार) – प्रो. गोपीनाथ पैकिरिसामी
✨ प्रेरक संदेश
मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र सिंह ने छात्रों को नवाचार, स्टार्टअप और आत्मनिर्भर भारत निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। वहीं, प्रो. कलसी ने छात्रों से विनम्रता और जिम्मेदारी के साथ विकसित भारत@2047 की दिशा में योगदान करने का आग्रह किया।इस भव्य समारोह ने न केवल छात्रों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के प्रति आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता को भी और मज़बूत किया।
"समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए हरिद्वार, उत्तराखंड से पत्रकार तसलीम अहमद की खास रिपोर्ट
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