"सावन के पहले सोमवार पर शिवभक्ति का जनसैलाब: बिड़ौली और झिंझाना के मंदिरों में गूंजे ‘बम बम भोले’ के जयकारे"

✍️ शाकिर अली, ‘समझो भारत’ राष्ट्रीय समाचार पत्रिका


झिंझाना/बिड़ौली | सावन मास 2025:
श्रावण मास का पहला सोमवार… और भोलेनाथ के भक्तों का उत्साह अपने चरम पर! आज के दिन बिड़ौली व झिंझाना क्षेत्र के मंदिरों और शिवालयों में आस्था का ऐसा संगम देखने को मिला, मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। श्रद्धा, भक्ति और विश्वास के इस पवित्र दिन पर हजारों शिवभक्तों ने बेल पत्र, धतूरा, अक्षत और गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाएं अर्पित कीं।


🌿 सुबह से ही मंदिरों में लगी भक्तों की कतारें

सुबह की पहली किरण के साथ ही पंचमुखी शिव मंदिर, मोहनजोहड़ शिव मंदिर, देवी मंदिर, भूमिया खेड़ा, वाल्मीकि मंदिर, थाना परिसर, और राम श्याम मंदिर सहित अनेक मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।
हर भक्त के चेहरे पर भक्ति का तेज और कांवड़ियों की टोली के जयकारों से माहौल शिवमय हो उठा।


🚨 सुरक्षा के विशेष प्रबंध

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय पुलिस फोर्स तैनात रही। भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक नियंत्रण और महिलाओं की सुविधा को लेकर पुलिस द्वारा विशेष सावधानी बरती गई।


🙏 श्रद्धालुओं की आस्था – सावन है विशेष

मंदिर पहुंचे एक शिवभक्त ने बताया,
“सावन का पहला सोमवार सबसे विशेष होता है। इस दिन जलाभिषेक से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और दुखों का अंत करते हैं। हम हर सोमवार को व्रत रखते हैं और मंदिर में जल चढ़ाने आते हैं।”

श्रद्धालु महिलाएं भी अपने परिवार की सुख-शांति के लिए व्रत रखकर जलाभिषेक करती देखी गईं। कई परिवारों ने सामूहिक रूप से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक भी किया।


📸 श्रद्धा के साथ-साथ संस्कृति का उत्सव

हर मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, शिव महिमा का पाठ, और प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया गया। पूरा माहौल भक्तिरस में सराबोर रहा।


✍️ ‘समझो भारत’ की नज़र से

सावन केवल एक धार्मिक मास नहीं, संस्कारों और संस्कृति की गहराई से जुड़ा एक अध्याय है, जिसमें प्रकृति, भक्ति और समाज का समरस संगम होता है। और ऐसे आयोजनों में दिखाई देने वाली जनता की सहभागिता भारत की धार्मिक चेतना की सच्ची तस्वीर पेश करती है।


📞 संपर्क करें:
शाकिर अली
पत्रकार – ‘समझो भारत’ राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📍 बिड़ौली/झिंझाना, उत्तर प्रदेश
📱 8010884848
📧 samjhobharat@gmail.com


हर ‘बम बम भोले’ की गूंज में छिपा होता है विश्वास का मंत्र – और यही मंत्र भारत की आत्मा को जीवंत रखता है।
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