📍 स्थान: जलालाबाद, शामली (उत्तर प्रदेश)
📅 तारीख: 11 जुलाई 2025
📞 संपर्क: 8010884848
#samjhobharat
🏛️ निकाय कार्यालय की बैठक बनी गरिमा का मज़ाक
नगर पंचायत जलालाबाद में स्वकर ग्रहकर प्रणाली को लेकर आयोजित बोर्ड बैठक उस समय विवादों में आ गई जब वहां कवरेज करने पहुंचे एक पत्रकार के साथ बदसलूकी की गई।
यह घटना 9 जुलाई की है, जब दैनिक पंजाब केसरी के संवाददाता फैसल मलिक को बाकायदा अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा द्वारा आमंत्रित किया गया था।
🎙️ सामने आया दुर्व्यवहार का वीडियो, मीडिया में रोष
जैसे ही पत्रकार बैठक में पहुँचे, सभासद इसहाक सैफी ने आगबबूला होकर पत्रकार को बाहर निकालने की धमकी दी और उनके साथ अशोभनीय व्यवहार किया।
इस अपमानजनक घटना के बाद पत्रकार बैठक से बाहर चले गए।
घटना का संज्ञान लेते हुए मीडिया क्लब के सदस्यों ने रोष व्यक्त किया और थाने में शिकायत दी।
👮 तीव्र पुलिस कार्रवाई, सभासद छत से कूदकर फरार
थाना भवन पुलिस को जैसे ही पत्रकार की तहरीर मिली, थाना प्रभारी बिजेंद्र रावत ने मामले की गंभीरता को समझते हुए रात में ही मुकदमा दर्ज किया और पुलिस चौकी प्रभारी पवन कुमार को कार्रवाई का निर्देश दिया।
पुलिस की टीम ने कोटला मोहल्ला स्थित सभासद के घर पर दबिश दी, लेकिन आरोपी इसहाक सैफी छत से कूदकर फरार हो गया।
📣 प्रशासन का रुख साफ: बदसलूकी बर्दाश्त नहीं
अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने भी स्पष्ट किया कि:
“पत्रकारों को बोर्ड बैठक में निमंत्रण दिया गया था। किसी को भी उनके साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार नहीं है। सभासद इसहाक सैफी ने बोर्ड की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।”
थाना प्रभारी ने कहा:
“कानून को हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
📰 पत्रकारिता की गरिमा पर हमला या सत्ता का घमंड?
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या जन प्रतिनिधियों को सत्ता का दंभ पत्रकारों के सम्मान से ऊपर मान लेना चाहिए?
- क्या स्वतंत्र पत्रकारिता पर ऐसे हमले लोकतंत्र के लिए खतरा नहीं?
🤝 मीडिया क्लब ने जताया आभार, मांगी गिरफ्तारी
मीडिया क्लब ने पुलिस प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया पर आभार व्यक्त किया है और आरोपी सभासद की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है।
📌 निष्कर्ष: लोकतंत्र में जवाबदेही जरूरी
बोर्ड बैठकें जनता के प्रतिनिधियों का मंच होती हैं — जहां जनता की समस्याओं और योजनाओं पर खुली चर्चा होनी चाहिए। ऐसे मंचों पर पत्रकारों की भूमिका मूल्यांकन और पारदर्शिता की होती है, न कि अपमान सहने की।
इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि संवेदनशील प्रशासन और सजग मीडिया ही लोकतंत्र की असली ताकत हैं — और ऐसे दुर्व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
✒️ रिपोर्टर: फैसल मलिक
📍 जलालाबाद, जनपद शामली
📞 संपर्क: 8010884848
📌 समझो भारत — जहाँ हर पत्रकार की आवाज़ है लोकतंत्र की नींव
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