रिपोर्ट: शाकिर अली | समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
बिडौली सादात, शामली।
जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की समस्या आम जनजीवन को प्रभावित करती है, वहीं कुछ जनप्रतिनिधि ऐसे भी हैं जो बिना पद के रहते हुए भी जनसेवा में पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक उदाहरण बिडौली सादात गांव में देखने को मिला, जहां चार दिन से जला हुआ ट्रांसफार्मर बदले जाने से गांववासियों को बड़ी राहत मिली है।
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के तालाब के किनारे लगा 100 केवीए का ट्रांसफार्मर शॉर्ट सर्किट के चलते चार दिन पूर्व खराब हो गया था। इससे पूरे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप हो गई और ग्रामीणों को गर्मी और अंधेरे में परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर रात के समय बुजुर्गों, बच्चों और किसानों के लिए यह स्थिति अत्यंत दिक्कत भरी रही।
इस बीच गांव के पूर्व ग्राम प्रधान प्रत्याशी महबूब शाह ने आगे बढ़कर व्यक्तिगत खर्च और ग्रामवासियों के सहयोग से विद्युत विभाग से संपर्क किया और ट्रांसफार्मर को बदलवाने की पहल की। मंगलवार की देर शाम नया ट्रांसफार्मर गांव में स्थापित किया गया और विद्युत आपूर्ति बहाल हुई।
बिजली चालू होते ही गांव में खुशी का माहौल देखा गया। लोग राहत की सांस लेते हुए महबूब शाह की सराहना करते नज़र आए। ग्रामीणों का कहना था कि जब कोई नहीं सुन रहा था, तब महबूब शाह ने खुद इस समस्या को गंभीरता से लिया और तत्काल समाधान करवाया।
इस सेवा भाव से न सिर्फ गांव में बिजली बहाल हुई बल्कि यह संदेश भी गया कि जनसेवा करने के लिए पद होना ज़रूरी नहीं, बल्कि नीयत और जज़्बा होना चाहिए।
महबूब शाह ने इस अवसर पर कहा कि "गांव की भलाई के लिए मैं हमेशा तत्पर हूं। जनता ने जो स्नेह और विश्वास मुझ पर जताया है, उसे निभाना मेरा फर्ज है।"
ग्रामीणों ने बिजली बहाली के लिए महबूब शाह का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है और दूसरों के लिए प्रेरणा भी।
समझो भारत की टीम भी महबूब शाह के इस सकारात्मक प्रयास की प्रशंसा करती है और आशा करती है कि इसी तरह जनप्रतिनिधि आगे बढ़कर समाज के हित में कार्य करते रहेंगे।
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