लेखक: तसलीम अहमद | स्रोत: समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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परिचय
देश में लगातार बढ़ती नशीली दवाओं की तस्करी और उसका युवाओं पर बढ़ता प्रभाव चिंताजनक है। इसी श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई हरिद्वार जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में सामने आई, जहाँ पंजाब पुलिस और स्थानीय ड्रग्स विभाग ने संयुक्त छापेमारी करते हुए ट्रामाडोल जैसी खतरनाक नशीली दवा की बड़ी खेप को बाजार में पहुँचने से पहले ही ज़ब्त कर लिया। इस कार्रवाई ने न केवल एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया, बल्कि यह भी साबित किया कि राज्य सीमाओं के पार फैले ऐसे नेटवर्क कितने संगठित और खतरनाक हो सकते हैं।
छापेमारी की पृष्ठभूमि
पंजाब में लगातार ट्रामाडोल की आपूर्ति की जानकारी मिल रही थी। ट्रामाडोल एक शक्तिशाली मादक पदार्थ है, जो आमतौर पर दर्द निवारक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसका गैरकानूनी और नशे के लिए उपयोग चिंता का विषय बन चुका है। जब पंजाब पुलिस को खबर मिली कि इन दवाओं का निर्माण उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र में हो रहा है, तो उन्होंने स्थानीय औषधि निरीक्षण विभाग के साथ मिलकर लूसेंट बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी पर छापा मारा।
संयुक्त छापेमारी और चौंकाने वाले खुलासे
छापेमारी के दौरान जो तथ्य सामने आए, वे हैरान कर देने वाले थे:
- 325 किलोग्राम ट्रामाडोल (करीब 3.25 लाख टैबलेट्स) कंपनी के गोदाम से जब्त की गई, जिसे बाजार में भेजने की तैयारी थी।
- इन टैबलेट्स को कॉन्नेन्ड्रम फार्मास्युटिकल्स, मेरठ के नाम पर बनाया गया था, पर जांच में पाया गया कि यह कंपनी अस्तित्वहीन है।
- दस्तावेजों की जाँच में कई अनियमितताएं पाई गईं। प्लांट हेड हरीकिशोर कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके, और उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
- उत्पादन की प्रक्रिया में गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) के दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन पाया गया।
- प्लांट हेड ने पूछताछ में आर्यन पंत और विक्रम सैनी के नाम उजागर किए, जिन्होंने इस नशीली खेप का ऑर्डर दिया था।
- आर्यन पंत का मोबाइल बंद मिला, जबकि विक्रम सैनी को पूछताछ हेतु बुलाया गया।
- लूसेंट बायोटेक द्वारा रिकॉल लाइफसाइंसेज़, रूड़की के नाम से एक एग्रीमेंट भी प्रस्तुत किया गया, जिसके तहत वैध सप्लाई की आड़ में यह गैरकानूनी व्यापार चल रहा था।
NDPS एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही
इस पूरे मामले में NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) अधिनियम के तहत कड़ी कानूनी कार्यवाही की जा रही है। लूसेंट बायोटेक का उत्पादन तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया है और इसके सभी अनुमोदन निरस्त करने की संस्तुति की गई है।
पंजाब से जुड़ा कनेक्शन: एक अहम सुराग
इस कार्रवाई की नींव उस समय पड़ी जब पंजाब में 70,000 ट्रामाडोल टैबलेट्स जब्त की गई थीं। जांच में पता चला कि इनका निर्माण भी लूसेंट बायोटेक द्वारा ही किया गया था। इस सुराग ने पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में मदद की।
टीम का योगदान
इस जटिल और संवेदनशील कार्रवाई में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती, निरीक्षक मेघा, और पंजाब पुलिस की विशेष टीम ने अहम भूमिका निभाई। इनकी सूझबूझ और तत्परता से एक बड़ी मात्रा में नशीली दवा बाजार में पहुँचने से पहले ही रोक दी गई।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा है
इस पूरी घटना ने यह उजागर कर दिया है कि नशीली दवाओं की तस्करी किस प्रकार से संगठित और आधुनिक तरीके से की जा रही है। ज़रूरत है कि औषधि उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला पर सख़्त निगरानी रखी जाए, साथ ही अंतरराज्यीय समन्वय को और अधिक मज़बूत बनाया जाए।
यह कार्रवाई न केवल युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से रोकने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि औषधि कंपनियों की ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की भी चेतावनी है।
📌 रिपोर्टर: तसलीम अहमद
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