कैराना। आज के समय में जहां स्वार्थ की भावना समाज में हावी होती जा रही है, वहीं कस्बे के जागरूक और संवेदनशील युवा पत्रकार गुलवेज़ आलम ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए दसवीं बार रक्तदान कर समाज के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण रखा है।
शनिवार की देर रात गुलवेज़ आलम को उनके करीबी मित्र शाहरूख अब्बासी का फोन आया, जिसमें उन्हें जानकारी दी गई कि थानाभवन क्षेत्र निवासी एक महिला को तत्काल रक्त की आवश्यकता है, जो शामली के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। सूचना मिलते ही गुलवेज़ आलम ने समय गंवाए बिना तुरंत पानीपत रोड स्थित अंबर ब्लड बैंक शामली पहुंचकर रक्तदान किया और महिला की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि गुलवेज़ आलम इससे पूर्व भी नौ बार रक्तदान कर चुके हैं और हर बार उन्होंने बिना किसी स्वार्थ के ज़रूरतमंदों की मदद के लिए तत्परता दिखाई है। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ वे सामाजिक कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
स्थानीय लोगों और सोशल एक्टिविस्ट्स ने गुलवेज़ के इस मानवीय कार्य की सराहना करते हुए कहा कि समाज को ऐसे युवाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनका यह कार्य न केवल जीवन बचाने का संदेश देता है, बल्कि रक्तदान जैसे पुनीत कार्य के प्रति जागरूकता फैलाने में भी सहायक है।
गुलवेज़ आलम ने बातचीत में कहा कि "रक्तदान महादान है, इससे बड़ा कोई सेवा कार्य नहीं हो सकता। अगर मेरे रक्त से किसी की जान बचती है तो इससे बड़ा संतोष और कुछ नहीं।"
उनके इस जज़्बे ने कैराना सहित पूरे क्षेत्र में सकारात्मक संदेश दिया है। ऐसे युवाओं की पहल से समाज में सेवा और मानवता का भाव और मजबूत होता है। समझो भारत से इमरान अब्बास
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