शामली, थानाभवन।
एक बार फिर दहेज की आग ने एक घर को राख कर दिया, एक माँ की ममता को छीन लिया और दो मासूम बच्चों को अनाथ कर दिया। थानाभवन क्षेत्र के गांव भनेड़ा उद्दा से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ 30 वर्षीय महिला सुवाती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का साफ आरोप है – यह हत्या है, वो भी दहेज के लिए।
🔍 घटना का विवरण:
मंगलवार की रात सुवाती की मौत की खबर ने उसके मायके पक्ष के होश उड़ा दिए। गाँव के किसी स्थानीय व्यक्ति ने मृतका के भाई अमित उर्फ कल्लू, निवासी ग्राम सलेमपुर, मुजफ्फरनगर, को इसकी सूचना दी। अमित ने थानाभवन थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी बहन का विवाह वर्ष 2020 में हिन्दू रीति-रिवाजों से बबलू पुत्र सतीश, निवासी भनेड़ा उद्दा, के साथ हुआ था।
💔 दहेज की मांग और प्रताड़ना:
तहरीर के अनुसार, विवाह के बाद से ही सुवाती को बुलेट मोटरसाइकिल और नकद रकम लाने का दबाव बनाया जाने लगा। जब उसने इन मांगों का विरोध किया, तो उस पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार शुरू हो गया। प्रताड़ना का सिलसिला इस कदर बढ़ा कि सुवाती को मायके लौटना पड़ा।
🧓 सास ने मायके से वापस बुलाया – और फिर मौत:
करीब 10-12 दिन पूर्व सास मुनेश सुवाती को मायके से वापस ससुराल ले गई थी। परिजनों को क्या पता था कि यह वापसी उसके जीवन की अंतिम यात्रा होगी।
🕯️ माँ की मौत और दो मासूम:
सुवाती अपने पीछे चार वर्षीय बेटा और तीन वर्षीय बेटी को छोड़ गई है। अब ये बच्चे उस माँ की ममता से वंचित हो चुके हैं, जो उन्हें हर रात सुलाती थी, हर सुबह गोदी में खिलाती थी।
⚖️ पुलिस की कार्रवाई:
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है। परिजनों द्वारा दहेज हत्या की तहरीर दी जा चुकी है।
✊ समाज के लिए एक सवाल:
हम 21वीं सदी में खड़े हैं, लेकिन सोच आज भी दहेज में जकड़ी हुई है। एक शिक्षित समाज में भी यदि किसी महिला को उसकी जान से हाथ धोना पड़े – सिर्फ इसलिए कि उसने बाइक और कैश नहीं दिया, तो ये हम सबके लिए शर्म की बात है।
👉 आपके विचार क्या हैं? क्या अब समय नहीं आ गया है कि दहेज को सिर्फ अपराध नहीं, सामाजिक कलंक माना जाए? नीचे कमेंट करें।
🕊️ सुवाती को श्रद्धांजलि और उनके मासूम बच्चों के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना।
✍️ रिपोर्ट: पंकज उपाध्याय, थानाभवन शामली
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