"कैराना में चिकित्सक ने उम्र की पूँजी पी, करोड़पति को बनाया भिखारी! न्याय के लिए भटक रहा पीड़ित बुज़ुर्ग, डॉक्टर की धमकी: "समाचार छापा तो मानहानि का मुकदमा कर दूंगा"

कैराना। कस्बा के मोहल्ला शेख बद्दा निवासी एक बुज़ुर्ग की दर्दनाक आपबीती ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। यह कहानी न केवल धोखाधड़ी की है, बल्कि मानवता की चीत्कार करती हुई एक ऐसी कहानी है, जिसे सुनकर किसी भी संवेदनशील हृदय का कलेजा कांप उठे।

पीड़ित बुज़ुर्ग मजाहीर ने  "समझो भारत चैनल" को अपनी दास्तान सुनाते हुए बताया कि मोहल्ले में ही रहने वाले एक चर्चित चिकित्सक ने पहले तो उनकी पत्नी को जानलेवा इंजेक्शन लगाकर मौत के घाट उतार दिया और फिर पीड़ित की स्थिति का लाभ उठाते हुए उनके साथ करोड़ों रुपये की ठगी कर डाली।

पत्नी की मौत से शुरू हुआ धोखाधड़ी का सिलसिला

करीब दो से तीन वर्ष पूर्व मजाहीर की पत्नी की तबीयत खराब हुई थी। उन्होंने मोहल्ले के ही एक चिकित्सक पर भरोसा जताया, लेकिन  चिकित्सक ने गलत उपचार और संदेहास्पद इंजेक्शन लगाकर उन्हें मौत के मुंह में धकेल दिया। उस समय शोक संतप्त मजाहीर कुछ न कह सके, परंतु यहीं से धोखाधड़ी की पटकथा लिखी जाने लगी।

पड़ोसी का विश्वास टूटा, डॉक्टर ने हड़प ली संपत्ति

पत्नी की मौत के बाद डॉक्टर ने पड़ोसी होने का लाभ उठाते हुए मजाहीर के साथ सहानुभूति का नाटक किया। विश्वास जीतने के बाद बुज़ुर्ग की सारी संपत्ति अपने नाम करा ली। पीड़ित ने बताया कि दिल्ली स्थित संपत्ति को भी डॉक्टर ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेच डाला। अब उनकी हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि उन्हें रोज़ की रोटी के लिए मोहल्ले वालों की मेहरबानी पर निर्भर रहना पड़ता है।

करोड़पति से भिखारी बना बुज़ुर्ग, न्याय की गुहार

कभी करोड़ों की संपत्ति के मालिक रहे मजाहीर आज बंद कमरे में बैठकर लोगों की दया पर जीवन गुजार रहे हैं। उनका कहना है कि उनके कोई संतान नहीं है, और इसी कमजोरी का फायदा उठाकर चिकित्सक ने उनके साथ विश्वासघात किया। पीड़ित लगातार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

डॉक्टर की धमकी: "समाचार छापा तो मानहानि का मुकदमा कर दूंगा"

जब इस गंभीर आरोपों के संदर्भ में संबंधित चिकित्सक से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो पहले तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से डॉक्टर ने खुद संपर्क की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से धमकी दी कि यदि यह समाचार प्रकाशित किया गया तो वह मानहानि का मुकदमा दर्ज करा देंगे। डॉक्टर ने यह भी कहा कि अब एक वर्ष बीत चुका है, समाचार चलाने का कोई औचित्य नहीं बनता, इसलिए "मामले को रफा-दफा कर दिया जाए।"

क्या एक चिकित्सक का धर्म यही है?

क्या "धरती का भगवान" कहे जाने वाले चिकित्सकों में कुछ ऐसे भी हैं जो लालच में इंसानियत को तिलांजलि दे देते हैं?

यह समाचार सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि पूरे समाज को चेतावनी है — कि विश्वास जब टूटता है, तो वह सिर्फ दिल नहीं तोड़ता, जीवन तक बर्बाद कर सकता है।
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(महत्वपूर्ण सूचना: इस समाचार में प्रस्तुत सभी आरोप पीड़ित की ओर से लगाए गए बयानों पर आधारित हैं। समाचार पत्र इन आरोपों की पुष्टि नहीं करता है। संबंधित चिकित्सक से प्राप्त प्रतिक्रिया को ही उनका पक्ष मानते हुए प्रस्तुत किया गया है। प्रशासनिक स्तर पर किसी भी प्रकार की जाँच, पुष्टि या कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी समाचार लिखे जाने तक प्राप्त नहीं हुई है। समाचार का उद्देश्य केवल पीड़ित द्वारा उठाए गए मुद्दों को सामने लाना है, न कि किसी के विरुद्ध पूर्वाग्रह उत्पन्न करना।)

रिपोर्ट गुलवेज आलम कैराना

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