कैराना। डॉक्टर की डिग्री रखने वाले डॉ. अज़ीम अनवर अब सफेदपोश ज़मीन माफिया के रूप में पहचान बना चुके हैं। कैराना निवासी मज़ाहिर हसन ने उनके खिलाफ शामली के पुलिस अधीक्षक को विस्फोटक शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें डॉ. अज़ीम अनवर के साथ तारिक अहमद, इसरार, तहसील कर्मियों और अन्य की मिलीभगत से की गई ज़मीन कब्जाने की साजिश का विस्तार से खुलासा किया गया है।
शिकायती पत्र में क्या है खुलासा?
4 सितंबर 2024 को लिखे गए शिकायती पत्र में मज़ाहिर हसन ने बताया है कि वह मोहल्ला शेखजादगान, थाना कैराना, जनपद शामली के निवासी हैं। उन्होंने किसी को भी अपनी ज़मीन नहीं बेची है और न ही किसी विक्रय पत्र, रजिस्टर्ड डीड, या तहसील संबंधी दस्तावेजों पर दस्तखत किए हैं।
शिकायत के अनुसार, तहसील के एक कर्मी यासर याकूब द्वारा एक फर्जी विक्रय पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें नकली हस्ताक्षर, फर्जी फोटो और जाली दस्तावेज़ों के माध्यम से दाखिल-खारिज की कार्यवाही चलाई जा रही है। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि न तो कोई चेक दिया गया, न कोई रकम दी गई, और न ही कोई वैध रजिस्ट्री की गई। बावजूद इसके, उनके नाम से फर्जी कागज़ात दाखिल कर दिए गए।
मज़ाहिर हसन ने कहा कि उनके नाम पर प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ों में किसी अन्य व्यक्ति की फोटो चस्पा है, जो स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है। तहसील में मौजूद रिकॉर्ड में भी उनका कोई असली रजिस्टर नहीं है, जिसे बार-बार अधिकारियों को बताने के बावजूद भी अनसुना किया जा रहा है।
पीड़ित ने पहले 27 अगस्त 2024, 28 अगस्त 2024 और 29 अगस्त 2024 को भी तहसील प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पूरी साजिश में कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत है, जिस वजह से शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।
जब पत्रकार ने डॉ. अज़ीम अनवर से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया जानने के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने पहले कॉल रिसीव नहीं की। बाद में खुद व्हाट्सएप कॉल कर धमकी भरे लहजे में कहा —
> "अगर यह समाचार चलाया तो तुम्हारे ऊपर मानहानि का मुकदमा कर दूंगा।"
यह बयान स्पष्ट करता है कि आरोपी दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मीडिया में उनका पर्दाफाश न हो सके।
मज़ाहिर हसन की स्पष्ट मांग
> "अब कोई समझौता नहीं। डॉक्टर अज़ीम अनवर और उनके साथियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने और ज़मीन कब्जाने के आरोप में FIR दर्ज हो।"
यह मामला केवल एक ज़मीन विवाद का नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था में भरोसे की परीक्षा है। क्या शामली पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई कर पाएगी या सफेदपोश अपराधी कानून से ऊपर बने रहेंगे ? ..समझो भारत न्यूज कैराना, शामली से पत्रकार गुलवेज़ आलम, की रिपोर्ट
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