कैराना/दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती की पूर्व संध्या पर एक विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन डॉ. अंबेडकर भवन, झांसी मार्ग, दिल्ली में किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली शेड्यूल कास्ट वेलफेयर एसोसियेशन और हिन्दी अकादमी के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन भगवान दास सुजात ने किया, जबकि अध्यक्षता दौलत राम ने की। इस कवि सम्मेलन में देशभर के नामचीन कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की, जिसमें कैराना की बेटी, डॉ. फ़ौज़िया अफ़ज़ाल, राम अवतार बैरवा, और सिद्ध गोपाल सागर जैसे प्रतिभाशाली नाम शामिल थे।
विशेष सम्मान समारोह में सभी वरिष्ठ कवियों और कवित्रियों को शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कैराना की निवासी डॉ. फ़ौज़िया अफ़ज़ाल को मेहमान खुसूसी के रूप में शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। डॉ. अफ़ज़ाल का कैराना से दिल्ली तक का सफर महिलाओं की प्रेरणा का प्रतीक है।
अपने संबोधन में डॉ. अफ़ज़ाल ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "बाबा साहिब ने हमेशा कहा है शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो।" उन्होंने सभी देशवासियों को अंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं दी और संविधान के प्रति अटल सम्मान रखने का आह्वान किया।
यह कार्यक्रम न केवल डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करने का एक मंच था, बल्कि समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाने का भी एक सार्थक प्रयास रहा। डॉ. फ़ौज़िया अफ़ज़ाल का योगदान यह दर्शाता है कि समर्पण और मेहनत से हम किसी भी काम को सिद्ध कर सकते हैं, भले ही हमारी जड़ें कहीं हों। कैराना की यह प्रतिभा आज भी अपने क्षेत्र में शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के लिए प्रेरक बनी हुई है। रिपोर्ट गुलवेज आलम
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