कैराना। समाज में व्याप्त मानवीय मूल्यों की मिसाल पेश करते हुए, युवा पत्रकार गुलवेज आलम ने एक बार फिर मानवता की सेवा की है। उन्होंने हाल ही में अपनी नौवीं बार रक्तदान किया, जिससे कई लोगों को प्रेरणा मिली है।
गुलवेज आलम, जो कि मरहूम पत्रकार सलीम अहमद के पुत्र हैं, उन्हें इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर एक ग्रुप में एक पोस्ट देखी। इस पोस्ट में बताया गया था कि कैराना खादर क्षेत्र के एक गांव के निवासी को ए पॉजिटिव रक्त की सख्त आवश्यकता है। प्रभावित व्यक्ति की स्थिति गंभीर थी, और मरीज की प्लेट डाउन होने के कारण उसे तत्काल खून की आवश्यकता थी।
पत्रकार गुलवेज आलम ने इस संदेश को नजरअंदाज नहीं किया। उन्होंने तुरंत अपने पत्रकार साथियों सुहैब खान और इंतजार अली के साथ मिलकर ब्लड बैंक शामली का रुख किया और जरूरतमंद मरीज के लिए एक यूनिट रक्त दान किया। इस प्रकार, उन्होंने न केवल एक जीवन बचाया, बल्कि अन्य लोगों को भी रक्तदान के महत्व के प्रति जागरूक किया है।
गुलवेज का यह कार्य उनके समर्पण और मानवता की सेवा की भावना का प्रतीक है। इससे पहले भी, उन्होंने चार-पांच बार सूचना पाकर मुजफ्फरनगर, मेरठ और दिल्ली तक इमरजेंसी मरीजों को खून देने का कार्य किया है। उनका योगदान न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि समाज में भी एक नई आशा और एकजुटता का संचार करता है।
इस योगदान के लिए आलम की सराहना की जा रही है, और उनके विरोधियों को यह देखना पड़ रहा है कि वह किस तरह से समाज की भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि गुलवेज आलम सिर्फ एक पत्रकार ही नहीं, बल्कि एक सच्चे समाजसेवी भी हैं, जो अपने कर्मों से सभी को एक सकारात्मक संदेश दे रहे हैं।
गुलवेज के प्रति इस निस्वार्थ सेवा ने उन्हें न केवल लोगों का आदर्श बना दिया बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि मानवता का धर्म सबसे बड़ा है। आशा है कि उनके इस जज्बे से और भी लोग प्रेरित होंगे और बुराई के समय में आगे आकर मदद करेंगे। समझो भारत न्यूज से इमरान अब्बास की रिपोर्ट
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