नगर पालिका परिषद शामली में अराजकता, दीवार टूटने से उठी सवालों की लहर

शामली। नगर पालिका परिषद शामली के खसरा नं. 333 में मची अराजकता ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह खसरा भैंसवाल रोड स्थित कुष्ट आश्रम के सामने आता है और इसकी 510 मीटर रकबा है, जो नगर पालिका परिषद की सीमा से बाहर है। जानकारी के अनुसार, लगभग तीन महीने पहले नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी  रामेन्द्र सिंह यादव ने इसकी घिराई कराई थी। लेकिन, पिछले 6 दिनों में किसी असामाजिक तत्व ने इस दीवार को तोड़ दिया, जिससे न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है, बल्कि स्थानीय निवासियों में एक खौफ भी व्याप्त हो गया है।

बुधवार को इस गंभीर मामले में स्थानीय सभासदों ने आवाज उठाई है। वार्ड नं. 23 के सभासद निशीकांत संगल और वार्ड नं. 16 के सभासद अनिल कुमार उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका के अधिकारी और अध्यक्ष इस विषय में असामाजिक तत्वों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दीवार टूटने के एक सप्ताह बाद भी नगर पालिका की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन में संभावित संवेदनहीनता और लापरवाही चल रही है।

सभासदों ने  शामली अपर जिलाधिकारी से मांग की है कि वह इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें और तुरंत दीवार का पुनर्निर्माण सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि स्थानीय प्रशासन ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है, तो यह समाज में अराजकता को और बढ़ावा देगा।

निशीकांत संगल ने कहा, "यह हमारे अधिकारों का उल्लंघन है और हमें इस बात की चिंता है कि यदि इस तरह की गतिविधियां आगे बढ़ती रहीं, तो स्थानीय निवासियों का जीवन प्रभावित होगा।" वहीं, अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा, "अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह स्थानीय सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा करें। हमें आश्वासन चाहिए कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।"

स्थानीय नागरिकों में चिंता का माहौल है और वे प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। इस विषय पर नगर पालिका परिषद की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन निवासियों का मानना है कि प्रशासन को इस समस्या की गंभीरता को जल्द समझना होगा और उचित कदम उठाने होंगे। रिपोर्टें गुलवेज आलम
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