कैराना में लेखपाल के प्राइवेट युवक पर गंभीर आरोप, खुली भ्रष्टाचार की पोल!

कैराना। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से अवैध वसूली के मामले में एक नवनिर्वाचित सभासद ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सभासद वसीम अंसारी ने खुलासा किया है कि लेखपाल के प्राइवेट युवक रिजवान ने नगर पालिका परिषद कैराना में जांच पड़ताल के दौरान लाभार्थियों को डरा धमकाकर बिना किसी ठोस आधार के पैसे मांगे हैं। 

यह मामला तब उजागर हुआ जब वसीम अंसारी ने कुछ लाभार्थियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि जब वे अपनी आवेदन प्रक्रियाओं की जांच कराने गए, तो रिजवान ने उन्हें खुलेआम पैसे की मांग करने के साथ-साथ धमकाया। अंसारी ने स्पष्ट किया कि इस निंदनीय कृत्य में कुछ अन्य सभासदों की भी मिलीभगत है।

यह पहला मामला नहीं है, जब लेखपालों के प्राइवेट युवकों ने विवादों में जगह बनाई है। पहले भी तहसील परिषद में सरकारी कर्मचारियों द्वारा इन प्राइवेट युवकों को अपनी जेब से नौकरी पर रखकर सरकारी कार्य कराए जाने का मामला सामने आया था। यह मामला जब उप जिला अधिकारी तक पहुंचा, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी प्राइवेट युवकों को तहसील परिषद से बाहर निकालने के आदेश दिए। यह सब देखकर यह प्रश्न उठता है कि क्या अब भी अधिकारियों की नजर लेखपालों के प्राइवेट युवकों पर नहीं गई है? क्या यह एक गंभीर जांच का विषय नहीं है कि आखिर किस प्रकार सरकारी दस्तावेज प्राइवेट युवकों के हाथों में थमाए जाते हैं?

वसीम अंसारी ने इस मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा, "भ्रष्टाचार की यह गंभीर समस्या हमारे कस्बे के गरीब लोगों को परेशान कर रही है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और प्रशासन से अपील करते हैं कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।"

इस खुलासे के बाद क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल है। नागरिकों का मानना है कि अगर प्रशासन तुरंत कार्रवाई नहीं करता है, तो यह भ्रष्टाचार की जटिलताओं को और बढ़ा सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या कैराना में इस भ्रष्टाचार पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे और क्या न केवल लेखपालों के प्राइवेट युवकों बल्कि उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जो इस प्रणाली के खिलाफ हैं। नागरिकों की उम्मीदें अब प्रशासन की तत्परता पर निर्भर करती हैं। रिपोर्ट गुलवेज आलम
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