कैराना। नगर पालिका परिषद कैराना द्वारा हाल ही में लागू की गई सर्वे प्रणाली के तहत करों में की जा रही मनमानी वृद्धि ने स्थानीय निवासियों में हलचल मचा दी है। इस अत्याचार के खिलाफ सजग सभासद शगुन मित्तल ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपकर नगर पालिका की नीयत पर सवाल उठाया है, और अब उनके साहसी कदम ने संघर्ष की एक नई लहर पैदा कर दी है।
सभासद शगुन मित्तल का कहना है कि "नगर पालिका द्वारा करों में वृद्धि ने गरीब और मध्यम वर्ग के नागरिकों पर भयंकर आर्थिक बोझ डाला है। यह स्थिति अब असहनीय हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में परेशानियाँ उत्पन्न हो रही हैं।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सर्वे करते समय मकान के नाम परिवर्तन के लिए केवल 1% शुल्क जमा करने की शर्त ने नियमों का खुला उल्लंघन किया है। "यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता की कमी को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय जनता के साथ गंभीर अन्याय कर रही है," उन्होंने गुस्से में कहा।
स्वयं अधिवक्ता शगुन मित्तल ने आगे की बात करते हुए कहा है कि उन्होंने पालिका अध्यक्ष से विकास कार्यों के लिए भीख भी मांगी थी, जो दर्शाता है कि स्थानीय सरकार की विकास योजनाएँ कहीं नजर नहीं आ रहीं। "हम आवश्यकता से अधिक वादा और तैयारी की मांग करते हैं," उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा।
अब सभासद ने जिलाधिकारी से अपील की है कि प्रशासन इस जनहित में हस्तक्षेप करे और स्थानीय निवासियों के हक में कार्रवाई करे। "हम एकजुट हैं और स्थानीय निवासियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। हमारी आशा है कि प्रशासन हमारी आवाज़ सुनकर त्वरित कदम उठाएगा," उन्होंने भरोसा दिलाया।
सभासद शगुन मित्तल की इस महत्वपूर्ण पहल ने न केवल उनके वार्ड बल्कि पूरे कैराना में नई सख्ती और एकजुटता का संचार किया है। यहाँ के लोग अब नगर पालिका के खिलाफ अपनी आवाज़ को मजबूती से उठाने के लिए तैयार हैं और आंदोलन की तैयारियों में जुट गए हैं।
यह घटना निश्चित रूप से यह साबित करती है कि जब जनप्रतिनिधि जनता के हक के लिए खड़े होते हैं, तो जनता भी उनके साथ मजबूती से खड़ी हो जाती है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल कार्रवाई करे और कैराना के वासियों के अधिकारों की रक्षा करे। रिपोर्ट गुलवेज आलम
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