शामली। खोखरी नदी के जीर्णोद्धार की दिशा में ठोस कदम उठाने में विफल रहने के कारण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शामली और सहारनपुर के जिला अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। एनजीटी ने डीएम शामली पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और आदेश दिया है कि यह राशि दो सप्ताह के भीतर रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा की जाए।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक सक्रिय नागरिक, अमित कुमार, ने खोखरी नदी के संरक्षण के लिए एनजीटी में याचिका दायर की। मार्च महीने में, एनजीटी ने डीएम शामली, सहारनपुर और 15 अन्य विभागों को नोटिस जारी कर एक विस्तृत कार्य योजना मांगी थी। लेकिन आरोप है कि डीएम द्वारा लगातार न्यायाधिकरण के निर्देशों की अनदेखी की गई। न केवल वे एनजीटी में पेश नहीं हुए, बल्कि निर्धारित रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की।
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने डीएम शामली की लापरवाही पर गहरा असंतोष व्यक्त किया और उन्हें एक ठोस संदेश देते हुए जुर्माना लगाया। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित की गई है, जिसमें एनजीटी पुनः मामले का संज्ञान लेगा।
यह घटना प्रशासनिक जवाबदेही और पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीरता को दर्शाती है। एनजीटी के अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश यह स्पष्ट करता है कि जल संसाधनों की सुरक्षा के मामले में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मुद्दे पर सरकार को अब ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि खोखरी नदी के संरक्षण के प्रति एक नई दिशा दी जा सके। समझो भारत न्यूज से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट
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