भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)के राष्ट्रीय महासचिव एवं कुंडू खाप उत्तर प्रदेश के चौधरी /उपेंद्र चौधरी ने प्रेस नोट जारी करते हुए संगम महाकुंभ प्रयागराज भगदड़ में हुई मौतों की निष्पक्ष जांच हेतु सुप्रीम कोर्ट से एक जांच कमेटी गठित कर जांच करने की मांग की है जिसमें सच्चाई सामने आ सके सच्चाई जानने का अधिकार हर एक नागरिक खाया कि आखिरकार इस भगदड़ में कितनी जान गई उन्होंने कहा कि जब भगदड़ के जिम्मेदार एक फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन पर कार्रवाई हो सकती है तो फिर महाकुंभ में हुई भगदड़ की जिम्मेदार शासन और प्रशासन पर कार्रवाई क्यों नहीं क्यों नहीं अब तक सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं ही संज्ञान लेते हुए जहां टीम का गठन क्यों नहीं किया यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल आखिर अब तक क्यों चुप हैं क्यों नहीं और या किसी जांच कमेटी का गठन खाने को तो देश में अनेकों आयोग एवं अनेक उतारे की जांच एजेंसी है लेकिन इस भगदड़ में कितनी जान गई इस पर बोलने के लिए हर कोई मौन है यदि यूट्यूब पर मीडिया चैनलों की सच माने तो और उन पर दिखाई जा रहे पीड़ितों के बयान को सच माने तो वाकई इस भगदड़ में बहुत बड़ा गोलमाल है जिसकी जांच होना अति आवश्यक है लेकिन अब तक भी किसी जांच टीम का वह भी उच्च स्तरीय यानी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जांच टीम का गठन न होना वाक्य ही एक चिंता का विषय है यदि लगाए गए सभी आप सच है तो दोषी शासन और प्रशासन पर कार्रवाई हो और यदि सभी आप एवं वीडियो छोटे पाए जाते हैं तो उनको प्रसारित करने वालों पर कार्रवाई हो या यूं का यह की प्रत्येक करने वाले व्यक्तियों को इंसाफ मिल सके इसके लिए निश्चित है कि एक जांच टीम का गठन किया जाए तथा उनके आश्रितों को सरकार द्वारा मुआवजा जो की काफी कम है लेकिन जो भी है वह उन तक पहुंच सके ऐसे में आवश्यकता है एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी की आप देखना यह होगा कि कब गठन होता है इस उच्च स्तरीय जांच समिति का यह तो आने वाले समय ही बताएगा लेकिन इतना तय की यदि सभी तत्वों को ध्यान से देखा जाए तो निश्चित रूप से जांच कमेटी की आवश्यकता है और यही हाल विपक्ष का है आरोप प्रत्यारोप तो लग रहे हैं लेकिन कोई भी खुलकर उच्च स्तरीय जांच टीम के गठन के मांग नहीं कर रहे हैं कहीं ना कहीं विपक्ष की भी कठिन और कटनी में अंतर आ रहा है आज के समय में सभी वीडियो को देखते हुए लगता है कि इंसानी जान बहुत ही सस्ती हो गई है जैसे दिख जा रहा है कि प्रिजन रोटी भी लगता घूम रहे हैं उनको नहीं मिल पा रही उनके परिजनों की लाश भी ऐसे में मानवता के आधार पर और कम से कम उनके परिजनों को इतना तो अधिकार मिले कि वह अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कर सके और उनके अंतिम दर्शन कर सके ऐसे में यह तभी संभव है जब सुप्रीम कोर्ट उक्त प्रकरण में दखल दे क्योंकि सरकार पर अब नहीं रहा किसी को भी विश्वास उनके द्वारा बताए गए आंकड़ों पर खड़े हो रहे हैं सवाल या निशान आप देखना यह होगा की रोतें बी लकते परिजनों को कब मिलती है उनके परिजनों की लाश एवं सरकार द्वारा घोषित मुआवजा हम सबको मिलकर इसके लिए मांग करनी चाहिए कि घटित हो उच्च स्तरीय जांच समिति तभी जग सकती है इंसाफ की उम्मीद सभी मृतको को मिलेगा इंसाफ आओ सब मिलकर पीड़ित परिवारों के पहुंचे आंसू और दोषियों पर कार्रवाई की केंद्र सरकार से करें मांग की गठित करें उच्च स्तरीय जांच समिति सुप्रीम कोर्ट भी दे दखल तभी मिलेगा सबको इंसाफ निश्चित रूप से देशों पर होनी चाहिए करवाई
#samjhobharat
8010884848
No comments:
Post a Comment