झिंझाना में कारवां ए मोहब्बत की जानिब से 69 वीं पेशकश, जश्न ए आजादी पर मुशायरे व कवि सम्मेलन का आयोजन


कारवान ए मौहबत की 69 वीं पेशकश पर जश्न ए आजादी के मौके पर

झिंझाना में मुशायरा व कवि सम्मेलन कस्बे के पूर्व चेयरमैन के घेर में

हाजी खुर्शीद कुरैशी की अध्यक्षता में मुनकित्त किया गया। जिसका

संचालन गुलजार देवबन्दी ने बड़ी तहजीब और खूबसूरती से किया।

इस मौके पर कार्यक्रम का अगाज जमशेद माहिर के नाते पाक से किया गया।

कार्यक्रम के आयोजन वसीम झिंझानावीं ने जश्ने आजादी को अपनी शायरी अंदाज में कुछ इस तरह नवाजा ....

कितना प्यारा है मेरा वतन देखना ... यहां तस्वीर है गंगा जमुना की देखना ....

सभी मजहब के रहते हैं इंसान यहां....

भाईचारे का यहां मिलन देखना।कैराना से पहुंचे अंसार सिद्दीकी ने भी इंसानियत को कुछ इस तरह तव्वोजो दी ।

       मुस्लिम तलाश कर ना.. तू हिंदू तलाश कर ... किस-किस जगह है प्यार की खुशबू तलाश कर।
   

इस मौके पर कर्नाटक से पहुंचे बाबा अलहाज इस कार्यक्रम के खसूसी मेहमान रहे। अफजल झिंझाणवी, साहिल मुरादाबादी, सलीम जावेद, इकरा रसूलपुर निवासी मुरसली‌न माहिर ने अपने शायरी से महफिल को नवाजा।

इस मौके पर मेरठ के लावड़ नगर पंचायत अध्यक्ष शकील कुरेशी, झिंझाना के आशीष मित्तल, पूर्व चेयरमैन नौशाद ठेकेदार आदि लोग मौजूद रहे।





मुशायरा के शौकीन लोगों ने पूरी रात मुशायरा‌ लूटा।‌
samjhobharat 
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