जहां वर्तमान सरकार विकास कार्यों का दावा करती है वहीं सींगरा ग्राम पंचायत का जाट फार्म मजरा आज भी जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों की उपेक्षा झेल रहा है ।

खबर के अनुसार गांव को मेरठ-करनाल नेशनल हाईवे से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग जिसकी दूरी दो सौ मीटर मात्र है आज तक जर्जर हालत में है। वहीं गांव से ग्राम पंचायत सींगरा को जोडने वाला मार्ग जिसकी लंबाई लगभग एक किलोमीटर है भी बेहद दयनीय स्थिति में है। आजादी के सत्तर साल बाद भी सींगरा ग्राम पंचायत का जाट फार्म मजरा विकास कार्यों से वंचित हैं। चुनाव के वक्त राजनैतिक पार्टियों के नेता वोट मांगने आते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद दिखाई नही देते है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक के यहां लिखवाने के बाद भी मामला वहीं के वहीं अटका हुआ है तो वहीं

सांसद प्रदीप चौधरी से उनके सहारनपुर आवास पर जाकर मार्ग का निर्माण कराने के लिए केई बार मिल भी चुके हैं। क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का निस्तारण कराने के लिए हमेशा आंदोलनरत रहने वाले कांग्रेस नेता अशवनी शर्मा भी इसी गांव में रहकर कांग्रेस में प्रदेश स्तर की राजनीति कर रहे हैं। उनके द्वारा भी अपने स्तर से  हाईवे से जोड़ने वाले एवं ग्राम सभा सींगरा को जोडने वाले मार्ग को बनवाने के लिए प्रयास किया जा चुका है। लेकिन नतीजा कुछ नहीं। गांव में टंकी के सर्वे तक नहीं हुए। लोकसभा चुनाव आने वाले हैं नेता फिर वोट मांगने के लिए आयेंगे और फिर दिखाई नहीं देंगे। आचार्य अशवनी शर्मा,प्रदेश महासचिव यूवा कांग्रेस,
जय कुमार शर्मा, अमित तोमर, विशाल तोमर, अनुज तोमर आदि का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
@samjhobharat 

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