ग्राहकों को झूठ बोलकर, कंपनी को अभी भी लाभ पहुंचा रहे कुछ एसीपी और डीसीपी

बात कड़वी और बेबाक लिखते है इसलिए हम हर किसी को पसंद नही आते , हिंदुस्तान एनर्जी सेवर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में फंसे ग्राहक आजकल बहुत ही ज्यादा परेशान हालत में है। अपनी पूरी जिंदगी की खून पसीने की कमाई गईं संपत्ति, उन्होंने इस कंपनी के हवाले कर दी कुछ साथियों ने तो कर्ज़ लेकर या अपना सबकुछ गिरवी रखकर अपना रुपया इस कम्पनी के हवाले कर दिया, अब इन लोगों को डबल मार झेलनी पड़ रही है। अपना रुपया तो गवा चुके बैंक या साहूकार का मूल और सूद भी देना पड़ रहा है सो अलग, ऐसी परिस्थितियों में कुछ एसीपी अपने अपने ग्राहकों को सही रास्ता ना बताकर भटका रहे है। इन एसीपी की भी मजबूरी है यदि सही रास्ता दिखाया तो यह सब  ग्राहक इन एसीपी के पीछे ही हाथ  मुंह धोकर ना पड़ जाए  कहीं, यकीन माने तो कई एसीपी और डीसीपी भी बुरी तरह से फंसे हुए है। उनका अपना खुद का रुपया तो गया ही साथ ही ग्राहकों की बेमतलब की चढ़ाई उन पर हो रही है। यहां पर हो क्या रहा है पूरा मामला ध्यान से पढ़े  इस कंपनी के सभी एसीपी और डीसीपी के सिर पर ही पूरा ठिकरा ग्राहकों द्वारा फोड़ा जा रहा है। जबकि जितने दोषी एसीपी और डीसीपी है उतना ही दोषी हर ग्राहक भी है। जिस लालच में इन एसीपी और डीसीपी ने कंपनी पर भरोसा करके अपना रुपया लगाया उसी प्रकार ग्राहकों ने भी अपने लालच के लिए कंपनी में रुपया लगाया इसलिए आपस में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने के बजाए अब समय है आपस में एकजुट होकर अभी सिर्फ़ यह सोचा जाए कि अपना डूबा हुआ रुपया कैसे वसूला जाए, हर कोई आपस में ही उलझा रहेगा तो किसी को कुछ भी हासिल नहीं होगा, कुछ उपभोक्ता यह समझ रहे है कि कंपनी से फाइट एसीपी और डीसीपी करें और हमें हमारा रुपया वापस लाकर दे दें , तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। ऐसी कठिन परिस्थितियों में हर एसीपी और डीसीपी को आपकी हर प्रकार से सहायता करनी होगी, ताकि वो अपना पूरा माइंड सेट करके एक दिशा में खुलकर काम कर सकें और आपका गायब हुआ रुपया वापस लेने में कामयाब हो सके। समझो भारत न्यूज चैनल के पास दिनभर में सैकड़ों पीड़ित ग्राहकों की कॉल आती है। समझो भारत का यही प्रयास रहा है कि सभी एसीपी और डीसीपी सहित सभी उपभोक्ता एक प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा होकर संघर्ष करें और आगे भी यही प्रयास रहेगा, पूरे भारत से हिंदुस्तान एनर्जी, विद्युत मित्रा के उपभोक्ता "समझो भारत" न्यूज चैनल से गुहार लगाते हैं कि हमारा डूबा रुपया कैसे वापस मिले कोई तरकीब बताइए, आज इस लेख के माध्यम से आप सभी को सामूहिक अपना सुझाव सांझा कर रहा हूं। आप सब लोग अपने अपने जिले के किसी भी मित्र वकील के पास जाइए और उनको पूरे घटनाक्रम से अवगत करा कर, कहें कि हमें पुलिस स्टेशन जाकर कंपनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करानी है जिसके लिए आपके पास आए है आप हमें एफआईआर दर्ज़ कराने के लिए अच्छा सा प्रार्थना पत्र लिखकर दे, वकील के पास सभी जरूरी दस्तावेज़ जो भी कम्पनी ने आपको दिए वो और लेनदेन का सटीक ब्यौरा सब एकसाथ लेकर जाए, ताकि बार बार आपको वकील के चक्कर ना काटने पड़े, उसके बाद आप सीधे अपने पुलिस स्टेशन जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराए, जितनी ज्यादा से ज्यादा शिकायत कंपनी के विरुद्ध दर्ज़ होगी उतनी बड़ी जांच एजेंसियां सक्रिय होगी, फ्राड बहुत बड़ा हुआ है। यह सब आप और हम जानते है लेकिन सरकारी जॉच एजेंसियों को संदेह यह है कि जब 1200 करोड़ से भी अधिक का गबन इस कंपनी द्वारा किया गया है तो पीड़ित कहां गायब हैं। शिकायत क्यों नही आ रही , आपकी जितनी अधिक शिकायते होगी उतनी बड़ी जॉच होगी, अब कुछ एसीपी और डीसीपी का दूसरा पहलू भी जान लीजिए कुछ एसीपी और डीसीपी अपने ग्राहकों को 20 फरवरी 2024 को रूपये लौटाने की बात कह रहे है यह बता रहे है कि 18 फरवरी 2024 को कंपनी फिर से चालू हो रही है। राहुल सर वापस आ रहे है यह सब मन बहलाने के लिए अच्छा है लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है, सच्चाई यह है कि राहुल तिगनायत अपने वकीलों से राय लिए बिना आपसे बात भी नही करता , अगर आप कोई सवाल करें तो जवाब देता है कि अपनी लीगल टीम से बात करके बताऊंगा, जबकि हम अपनी धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए भी प्रार्थना पत्र एक दूसरे की कॉपी करके या यूं कहें कि एक दूसरे से मांग करके एफआईआर दर्ज़  कराना चाहते है। कुछ लोग तो बिल्कुल शांत होकर एक दूसरे की इंक्वारी करने में लगे हुए है कि फला रिपोर्ट दर्ज कराए तो हम भी करा देगें, सब एक दूसरे का मुंह देखकर बेसकीमती समय गवा रहे है। कुछ लोग तो सारा दोष सरकार और मीडिया पर थोप रहे है कि सरकारी जॉच एजेंसियों द्वारा और मीडिया द्वारा इतनी बड़ी ठगी पर संज्ञान क्यों नही लिया जा रहा अरे आप हम ही तो जानते हैं कि बड़ी ठगी हुई है। सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज़ कहां पर है आपके साथ हुई ठगी , अपनी ठगी को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज़ जरूर कराए , ताकि सरकारी जॉच एजेंसियां और मीडिया सक्रिय हो सके ।
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