ईश्वर का पहला संदेश है सनातन और हमेशा रहेगा=अब्दुल हमीद


 विश्व मानवअधिकार परिषद के राष्ट्रीय सचिव  अब्दुल हमीद ने मीडिया के माध्यम से  सनातन  पर चल रहे बिबाद पर कहा है की बिना जानकारी के सनातन पे ना बोला जाए सनातन धर्म ही बो ईश्वर का प्रथम पहला इंसानों के लिए संदेश है जिसे सारी दुनिया के इंसानों के लिए भेजा गया मगर अपसोस हैं की इंसानों का एक बहुत बड़ा गिरोह सनातन को ना समझ सका क्योंकि समझने की कोशिश ही नहीं की गई सनातन को और सनातन को वह साधु संतों में और वेशभूषा में और जाति धर्म में ढूंढने लगा जिसके कारण इंसान असल सनातन से वह वंचित रह गया और दुनिया के जिन इंसानों ने सनातन को सनातन में इंसाफ के साथ ढूंढा उन्हें सनातन समझ में भी आया और वह लोग आज दुनिया में शांति और भाईचारा एवं सभी धर्म की इज्जत करने वालेहैं ,


अंध का रम  नासम विधायम यत

 बिबेका ,


हामिद ने बताया की जब सारी दुनिया के इंसान अंधकार की ओर दौड़ रहे थे एक दूसरे का खून बहाया करते थे उस उस दौर में ताकतवर इंसान कमजोर तबके को बे वजह मार दिया करते थे तब सनातन ने ही दुनिया को वसुदेव कुटुंबकम सिखाया ,


और उस ईश्वरी संदेश को बताया कि तुम सब आपस में भाई-भाई हो एक परिवार की तरह हो किसी भी इंसान को किसी भी इंसान पर कोई फजीलत नहीं है चाहे वह गोरा हो या कला ईश्वर के नजदीक तुम सब एक मां-बाप की औलाद और एक कुटुंब के समान हो मगर मानवता के दुश्मनों  की ओर से एक सियासत एक साजिश चली गई सनातन को हर इंसान तक पहुंचने ही नहीं दिया गया,

और जो बिगाड़ हुआ वह धर्म में नहीं इंसानों में हुआ  और इंसानों ने ही इंसानों में अनेक जातियां पैदा कर डाली  फिर धर्म को सनातन धर्म में नहीं इंसानों की बनाई हुई जातियों में  ढूंढा गया जिसके कारण इंसान बिगाड़ का हिस्सा बनता चला गया,

तब ईश्वर का आखिरी संदेश हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कुरान के रूप में लेकर आए  और दुनिया के हर इंसान को इस्लाम की दावत दी एक ही  ईश्वर पूजा के योग है यही दावत वेदों के द्वारा भी दी गई और अलग-अलग भाषाओं में वही सनातन ईश्वरी संदेश अपने-अपने वक्त में आता रहा कभी वह संदेश ईसा मसीह के द्वारा भेजा तो कभी मूसा कलीमुल्लाह के द्वारा भेजा गया तो कभी भगवान श्री राम के द्वारा भेजा गया तो कभी भगवान श्री कृष्ण के द्वारा भेजा गया तो कभी इब्राहिम अल्ल्स सलाम के द्वारा भेजा गया


आखिर में हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम के द्वारा इसी सनातन को इसी ईश्वरी संदेश को आखिरी संदेश के रूप में भेजा गया और बिल्कुल क्लियर कहा गया कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दुनिया के आखिरी नबी हैं रसूल हैं पैगंबर हैं पैगाम लाने वाले हैं और उसे संदेश में सबसे ज्यादा जो जोर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम की ओर से दिया गया वह नैतिकता को बताया हजरत मोहम्मद सल्ला वसल्लम की ओर से यही शिक्षा दी गई कि इंसान एक दूसरे के अधिकारों को पूरी ईमानदारी से देने वाला बन जाए अच्छे अखलाक से पूरी दुनिया से पेश आए और अपनी जिंदगी में नैतिकता को बढ़ावा दे।

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