पिछले 2 वर्षों से निर्माण के अधर में लटक रहा थानाभवन मार्ग, 7 मीटर के स्थान पर 10 मीटर का प्रस्तावित है कैराना - ऊन - थानाभवन का करीब 45 किलोमीटर का मार्ग , ऊन के समाजसेवी एवं रिटायर्ड प्रधानाचार्य ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर दोबारा की है शिकायत


झिंझाना 10 अगस्त :  ऊन - थानाभवन मार्ग पिछले 2 वर्षों से निर्माण के अधर में लटका हुआ है। शिकायत करने पर पत्थर डलना शुरू हो जाता है। कुछ समय बाद फिर काम रुक जाता है। निर्माण कार्य के अधर में लटकने से गड्ढा युक्त इस मार्ग में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है। स्थानीय लोगों द्वारा समय-समय पर पहले भी कई बार इस निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने की मांग की जा चुकी है। मगर अब ऊन कस्बे के पूर्व चेयरमैन तथा रिटायर्ड प्रधानाचार्य ने अब फिर दोबारा से शिकायत करके शासन और प्रशासन से इस कार्य को पूरा कराने की मांग की है।

कैराना - झिंझाना - ऊन और थानाभवन का यह करीब 43 किलोमीटर लंबा मार्ग है। अब तक यह मार्ग 7 मीटर चौड़ा हुआ करता था। मगर शासन ने इसकी चौड़ाई 7 से बढ़ाकर 10 मीटर कर दी थी। तभी करीब दो वर्षों से इस मार्ग पर कभी निर्माण कार्य शुरू हो जाता है तो कभी-कई महीनो तक बंद रहता है। कैराना से जमालपुर करीब 12 किलोमीटर तक इस मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मगर गाड़ीवाला झिंझाना से लेकर ऊन और थानाभवन तक यह मार्ग जर्जर बना हुआ है। इसी वजह से इस मार्ग पर दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है। इस मार्ग के निर्माण को कस्बे के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजसेवी राकेश गोयल, अमित गोयल, पूर्व चेयरमैन सरफराज खान और पूर्व चेयरमैन नौशाद कुरैशी भी मांग कर चुके हैं।

कस्बा ऊन के निवासी पूर्व चेयरमैन तथा रिटायर्ड प्रिंसिपल और समाजसेवी बृजेश वशिष्ट ने जनहित की इस समस्या को 2 दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर भेजा है। गत 31 अक्टूबर 2022 को भी इस समस्या को भेजा था। बृजेश वशिष्ठ का कहना है कि शिकायत होते ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और ठेकेदार मार्ग के चौडीकरण में रोडी डालने जैसा काम शुरू कर देते हैं। मगर कुछ समय बाद फिर काम बंद हो जाता है। आरोप है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी निर्माण कार्य प्रगति पर बताकर झूठी रिपोर्ट भेज कर शासन /प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। थाना भवन - कैराना मार्ग पर निर्माण कार्य लगातार चल रहा है। यह निर्माण कार्य थानाभवन से ऊन की ओर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि झिंझाना तक करीब 1 महीने में यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

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