आदिवासी युवक कार्तिक भील हत्या काण्ड में न्याय नही मिलने से परिजन पैदल 412 किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल जायेंगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से न्याय मांगने

 


सिरोही : ‍राजस्थान के सिरोही जिले के शिवगंज निवासी भीम आर्मी कार्यकर्ता कार्तिक भील पर कुछ दिन पूर्व प्राणघातक हमला हुआ था जिसकी गुजरात में ईलाज के दौरान 1 दिसंबर 2022 को मृत्यु हो गई थी। जिसके परिजन एवं भीमआर्मी सिरोही के लोग 2.दिसंबर.2022 से लगातार दोषियो को तुरन्त गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिला मुख्यालय सिरोही पर धरने पर बैठै थे। सिरोही जिला प्रशासन एवं स्थानीय राजनैतिक जिम्मेदारो द्वारा उचित आश्वासन नही मिलने पर परिजनो ने आदिवासी समाज से मदद की गुहार की। जिसके चलते डूंगरपुर जिले के चौरासी से विधायक राज कुमार रोत भी धरने में शामिल हुए एवं रात को जिला मुख्यालय सिरोही में ही धरने पर बैठे रहे। प्रशासन द्वारा तीन दिन में उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया। इस दौरान विधायक रोत वापस लोट गए। मगर परिवार धरने पर बैठा रहा। तीन दिन तक फिर भी कोई कार्यवाही नही होने पर 7.दिसंबर.2022 को पुनः असंख्य  St.Sc समुदाय के लोगो ने न्याय के लिए न्याय रैली का आयोजन किया गया।

जिसमे गुजरात राज्य, मध्यप्रदेश राज्य,छत्तीसगढ एवं राजस्थान राज्य के आदिवासी एवं भीम आर्मी के असंख्य लोग और डूंगरपुर जिले के सागवाडा विधान सभा से विधायक रामप्रसाद डीडोर,. चौरासी विधान सभा से राज कुमार रोत,कान्ति भाई,ललीत निनोमा, ललीत डीडोर ,बॉसवाडा से प्रोफेसर मणिलाल गरासिया सहित आदिवासी परिवार के दिग्गज नेता सिरोही जिला मुख्यालय पर पहुंचे एवं शान्ति प्रिय तरीके से जनसभा को संबोधित किया। एवं सिरोही जिला प्रशासन से भी मिले। मगर प्रशासन ने फिर भी कोई ठोस संतोषप्रद कार्यवाही का भरोसा नही दिया। वार्ता विफल रही। मौजुद समस्त आदिवासी नेताओ ने लोगो को अनुशासन में रहकर शान्ति से अपने अपने घरो को लोटने को कहा लोग लोट गए। परिवार फिर भी प्रशासन से न्याय की उम्मीद लेकर धरना स्थल पर बैठा रहा। कार्तिक का परिवार,पिता,माता, पत्नी भाई एवं दो वर्ष के बेटे के साथ आठ दिन तक बैठे रहे। 

किसी ने आकर उनसे बात नही की ,नहीं उनके भोजन पानी की सरकार या प्रशाशन या किसी संगठन ने व्यवस्था कि। यहां तक धरना स्थल की लाईटे तक जिला प्रशासन ने बंद करवा दी। ऐसी हैं, तानाशाही सरकार, और राजस्थान की गेहलोत सरकार। इस सरकार में गुंडाराज साफ हैं। और सिरोही जिले से विधायक सहित यहां के पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर पीड़ित से बात करना तो कोसों दूर की बात हैं। यहां पर धरना स्थल की लाइटें भी बंद करवा दी। ऐसे अधिकारियों को धिक्कार हैं। यह जनता का क्या भला करेंगे, खाक भला करेंगे। इस दौरान परिवार का कहना था की हमे प्रशासन ने कई तरह से मानसिक रूप से प्रताडित भी किया। परिवार बिलखता रहा। किसी को दया नही आई। हारकर परिवार आज  पैदल ही रोते बिलखते जयपुर मुख्यमंत्री के पास न्याय की उम्मीद लिए जयपुर  रवाना हो गया। उनके रवाना होने के बाद प्रशासन ने रास्ते में उनके पीछे पीछे जाकर वार्ता करने की मंशा जाहिर की। मगर परिजन एक सप्ताह से डरे सहमे और परेशान हो गए थे। इसलिए जयपुर ही जाकर न्याय लेंगे। ऐसा कहकर पैदल सफर कर रहे हैं। मृत्यु से पुर्व कार्तिक भील ने कई बार अपने जान के खतरे के लिए स्थानिय थाने एवं अन्य जगह लिखित एव मौखिक रिपोर्ट दे रखी थी। मगर किसी ने उसे गंभीरता से नही लिया। प्रत्यक्षदर्शियो ने बताया की कार्तिक हत्याकांड मे 7 से आठ लोग सम्मिलित थे। मगर पुलिस के  द्वारा दो लोगो को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा गया हैं। 

परिवार का कहना है कि हमारे बेटे को षडयंत्र के तहत मारा गया हैं।  इसलिए हम अपराध की जांच चाहते हैं।  कल 9.दिसंबर.2022 तक मृतक कार्तिक भील का शव गुजरात के हॉस्पीटल की मोर्चरी मे अभी तक 9 दिन से पड़ा हैं। उसका अंतिम संस्कार नही हो पाया हैं। पता नही क्यूं सरकार एवं प्रशासन ऐसे मामले को गंभीरता से नही ले रहे हैं ? शायद ऐसा लगता हैं, कि इस बड़े और गम्भीर मामले में स्थानीय विधायक सहित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की भी मिलीभगत कहे तो इसमें कोई अतिश्योक्ति वाली बात नहीं हो सकती हैं। कार्तिक मामले को लेकर St.Sc के लोगो में प्रदेश में भयंकर आक्रोश देखने को मिल रहा हैं। आने वाले समय मे कांग्रेस सरकार को कही ना कही वोट बैक का  नुकसान उठाना पड सकता हैं। समझो भारत डिजिटल न्यूज चैनल  से राष्ट्रीय प्रभारी डाँ .KL परमार की उपस्थिती एवं र्निदेशन मे राजस्थान स्टेट ब्यूरो चीफ रामलाल यादव बाँसवाडा  सहित टीम ने जिला मुख्यालय सिरोही जाकर संपुर्ण घटना क्रम की जानकारी ली। तथा कार्तिक भील के परिवार से तथा एकत्रीत आदिवासी एवं भीम आर्मी नेताओ से ली। 9636125006

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