झिंझाना 1 जून। कहते हैं कि शारीरिक कष्ट के बाद उत्पन्न भक्ति रस परमात्मा का बोध कराने में सहायक होता है।


यूं तो श्रावण मास में भगवान शिव के लाखो भक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक कर आत्म सुख का अनुभव करते हैं। ठीक इसी प्रकार जनपद एटा निवासी सत्येंद्र यादव ने माता कांगड़ा देवी में आस्था व्यक्त करते हुए दंडवत यात्रा का संकल्प लेकर मां के दर्शनों के लिए अपने साथी दिव्यांग विपिन उपाध्याय के साथ मिलकर 16 मई में भूनी चौक मैरठ से अपनी यात्रा का शुभारंभ किया था।जो आज झिंझाना तक पहुंचा हैं।  पैदल , वो भी दंडवत होकर , मां की अरदास लगाता हुआ यह भक्त आज मेरठ करनाल हाईवे के गाड़ी वाला चौक पर पहुंचा। उसने बताया कि उसने वर्ष 2021 के फाल्गुन मास में अपनी यात्रा का शुभारंभ , अपने निवास स्थान गांव खेड़ा गवारू, तहसील जलेसर, जनपद एटा उत्तर प्रदेश से हिमाचल प्रदेश में स्थित माता कांगड़ा एवं ज्वाला देवी दर्शन के लिए किया था।

मगर लॉकडाउन के चलते वह मेरठ करनाल हाईवे के भूनी चौराहा तक ही पहुंचा था। पुलिस द्वारा परमिशन न दिए जाने पर यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था। अब जाकर 16 मई 22 को सत्येंद्र ने अपनी दंडवत यात्रा की फिर से शुरुआत की है। पेशे से ट्रक ड्रावर यादव का कहना है कि माता के प्रति श्रद्धा के कारण उसने दंडवत यात्रा कर मां के दर्शन का संकल्प लिया है। उसकी इस यात्रा में  ₹ 40- 5 0 हजार का खर्च होना है। उसके साथियों द्वारा बिना मांगे ही उसका सहयोग मिल रहा है। यादव ने बताया कि वर्ष 2004 से वह 15 बार पैदल यात्रा के सहारे मां का दर्शन कर चुका है। अबकी बार उसने दंडवत यात्रा के द्वारा दर्शन का संकल्प लिया हुआ है। जिसमें महीनो लगना है। वह दिन भर में केवल सवेरे और शाम के वक्त ही अपनी यात्रा करता है। प्रेम चन्द वर्मा

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