मानव आकृति का कार्यशील मॉडल बनाकर मानव शरीर की हड्डियों की क्रियाओ को समझाया


आज आधुनिक विज्ञान का युग है, वर्तमान युग में वैज्ञानिकों ने जीवन के हर क्षेत्र में वैज्ञानिक आविष्कारों का निर्माण कर मानव जीवन को अत्यंत सरल एवं सुलभ बना दिया है जिससे आज पूरा विश्व निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है वर्तमान समय में विज्ञान की समस्या को देखते हुए विद्यार्थियों को चाहिए कि वह इन सब आविष्कारों के विषय में जानकारी प्राप्त कर स्वयं को वैज्ञानिकता के इस युग में

आगे बढ़ने के लिए अग्रसर रहे यदि जीवन में तरक्की प्राप्त करनी है तो वैज्ञानिक तकनीकी के विषय में जानकारी प्राप्त करना हर विद्यार्थी के लिए विशेष महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वैज्ञानिक तकनीक द्वारा ही मानसिक विकास होता है। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक तकनीकी कौशल का विकास करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक कार्यशाला का आयोजन विद्यालय में प्रत्येक वर्ष किया जाता है, जिसमें विद्यार्थियों को चाहिए कि वे उत्साह पूर्वक कार्यशाला में भाग लेकर स्वंम ही  विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों का मॉडल अपने हाथों से तैयार कर उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर अपने अंदर तकनीकी कौशल का विकास करने में अग्रसर रहें।

उक्त विचार सेंट आर. सी. कान्वेंट स्कूल शामली में चल रही दो दिवसीय तकनीकी विकास कार्यशाला के समापन दिवस पर 'विज्ञान तकनीकी फाउंडेशन ऑफ इंडिया' के इंजीनियर सचिन भार्गव ने व्यक्त किए । इंजीनियर टीम ने कक्षा 5 के विद्यार्थियों को सनपैक, टूथपिक, फॉम,  रबड़ बैंड, बोतल व प्लास्टिक बॉल आदि की सहायता से मानव आकृति का वर्किंग मॉडल बनाकर समझाया कि किस प्रकार मानव शरीर की हड्डियां विभिन्न जोड़ बनाती है, उन्होंने बताया कि जब दो हड्डी आपस में मिलकर जुड़ती हैं,

तो उन्हें कब्जे का जोड़ कहा जाता है। बॉल एंड सॉकेट जॉइंट में एक आकार की गोल  हड्डी दूसरी हड्डी से जुड़ी होती है जिसके कारण यह हड्डियां स्थान एवं दिशाओं में आसानी से घूम जाती हैं। मानव शरीर की संरचना का मॉडल बनाकर विद्यार्थियों ने शानदार अनुभव किया। इसके अतिरिक्त विज्ञान तकनीकी फाउंडेशन की टीम ने कक्षा 6 के विद्यार्थियों को रोबोटिक फ्लोर क्लीनर का वर्किंग मॉडल बनाना सिखाया, छात्रों ने रोबोटिक फ्लोर क्लीनर बनाने में कार्ड बोर्ड इलेक्ट्रिक मोटर बैटरी डिस्क, बेल्ट स्विच आदि का उपयोग कर फ्लोर क्लीनर का वर्किंग मॉडल बनाकर इलेक्ट्रिक मोटर की कार्यप्रणाली में जानकारी प्राप्त की।

रोबोटिक वर्कशॉप का संचालन विद्यालय के डायरेक्टर भारत संगल के दिशा निर्देशन में किया गया, उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि पहले के समय में लोगों को बहुत मेहनत करके सफाई करनी होती थी जिसमें समय भी अधिक लगता था। पहले महिलाएं केवल घर का कार्य किया करती थी, इसलिए उन्हें कोई परेशानी नहीं होती थी परंतु वर्तमान समय में ज्यादातर महिलाएं बाहर नौकरी करती हैं, जिसके कारण उनके पास घर के कार्य करने का समय कम होता है। आज के आधुनिक युग में रोबोटिक फ्लोर क्लीनर से यह कार्य , अच्छी सफाई के साथ-साथ शीघ्रता से हो जाता है । वर्तमान समय में जब वायरस की वजह से चारों तरफ महामारी फैली हुई है ऐसे में फ्लोर क्लीनर अधिक एरिया वाले फ्लोर को कम समय में वायरस मुक्त बनाता है। इस अवसर पर कविता संगल, संचिता वर्मा, सुरक्षा, निशा शर्मा, विशाखा गोयल, भावना शर्मा, अंजु मलिक, निकिता जैन, अनीता शर्मा, विशाखा चौधरी, निधि भारद्वाज,  रितिका, पूनम जैली, तनु अनुपम मित्तल, हर्षित, मनोज मेनवाल, अजय गोयल आदि अध्यापक व अध्यापिकाओ ने कार्यशाला में विशेषज्ञ एवम् विद्यार्थियों को सहयोग प्रदान किया ।

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