शामली के दुल्ला खेड़ी में आयोजित भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसान महासम्मेलन में अपनी ताकत का एहसास कराने में कामयाब हुआ जिला अध्यक्ष विरोधी गुट


भारतीय किसान यूनियन में खींचतान किसी से छिपी नहीं है एक बार फिर नरेश टिकैत पर भारी साबित हुआ राकेश टिकैत गुट जनपद शामली में कपिल खाटियान को जिला अध्यक्ष बनाए जाने वह मुजफ्फरनगर में धीरज लाटियान को जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं चौधरी नरेश टिकैत,आज इस महासम्मेलन से शामली जनपद को एक नया जिलाध्यक्ष देने की तैयारी में थे भारतीय किसान यूनियन प्रमुख लेकिन जैसे ही राकेश  गुट को इसकी जानकारी हुई पहले ही जिलाध्यक्ष घोषित कर दे दिया झटका,जाट की बजाय ठाकुर समाज से जिला अध्यक्ष चुनने की तैयारी में थे नरेश टिकैत,आपको बता दें कि आज जनपद शामली के ग्राम दुल्ला खेड़ी  में आयोजित हुए किसान महासम्मेलन से जनपद शामली को एक नया जिला अध्यक्ष मिलने की उम्मीद थी जिसके पूर्व से ही संकेत मिल रहे थे

क्योंकि जानकार सूत्रों की अगर मानें तो कपिल खटियान की कार्यकलापों से नाराज चल रहे थे भारतीय किसान यूनियन प्रमुख जिसके चलते किसान महासम्मेलन आयोजन की घोषणा की गई थी लेकिन जैसे ही इस सम्मेलन की सूचना राष्ट्रीय प्रवक्ता व उसके गुट को लगी तो उन्होंने एक सोची-समझी योजना के तहत कार्यक्रम से 2 दिन पूर्व ही कपिल खाटियान को पुन: जिलाध्यक्ष घोषित कर  भारतीय किसान यूनियन प्रमुख के साथ साथ मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह गुर्जर व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मैनपाल चौहान को झटका देते हुए जिला अध्यक्ष की घोषणा कर दी और आज का हुआ यह महासम्मेलन का आयोजन में मायने साबित हुआ हालांकि भीड़ की दृष्टि से आयोजन भीड़ जुटाने में कामयाब रहे लेकिन जिला अध्यक्ष को हटाने में नाकाम रहा पूरा गुट जिसके चलते आज सम्मेलन में आसपास के किसानों में  जिला अध्यक्ष  की घोषणा का घटनाक्रम एक चर्चाओं का विषय बना हुआ है इतना ही नहीं केवल शामली में ही निशा देखने को मजबूर हुआ हो भाकियू प्रमुख का गुट जनपद मुजफ्फरनगर में भी गुट को लगा भारी झटका क्योंकि जिला अध्यक्ष धीरज लाटियान भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख के काफी करीब में गिने जाते हैं क्योंकि परमानेंट प्रमुख के साथ उनके पिता  वीरेंद्र सिंह  लाटियान रहते हैं जो कि लाटियान खाप के चौधरी भी हैं जिससे हर कोई मानता था कि उनकी कुर्सी सुरक्षित है लेकिन ऐसे में दूसरा जिलाध्यक्ष घोषित कर देना कहीं ना कहीं है घर में ही चल रही खींचतान को जगजाहिर करने के लिए काफी हैं यदि जानकार सूत्रों की माने तो इसमें सबसे ज्यादा अहम भूमिका धर्मेंद्र मलिक द्वारा निभाई जा रही है

क्योंकि उसके द्वारा ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नीचा दिखाने के उद्देश्य से उनके चहेतों को पद मुक्त किया जा रहा है और वह भी एक सोची-समझी योजना के अनुसार लेकिन अब ऐसे में देखना यह होगा कि यह संगठन में चल रही इस तरह की खींचतान संगठन को किस दिशा में ले जाकर यहां आज देश में किसान ही नहीं सारे संगठन ही भारतीय किसान यूनियन की तरफ देख रहे हैं और ऐसे में संगठन में चल रही खींचतान कहीं ना कहीं संगठन को कमजोर करने के साथ-साथ आंदोलन को भी कमजोर करने का काम करेगी अब देखना यह होगा कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस खींचतान से कैसे निजात पाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतनी बात है कि इस तरह की खींचतान से निश्चित रूप से संगठन कमजोर होगा और आंदोलन पर भी इसका असर अवश्य पड़ेगा

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