कैराना। क्षेत्र के गांव मामोर में दर्जनों किसानों की खेतों में कटने के बाद पड़ी हजारो बीघा धान फसल पानी में डूब कर नष्ट हो गई। तथा ग्रामीणों के मकानों में पानी घुस गया। जिस कारण मकान के गिरने की आशंका बनी हुई है।रविवार की शाम कैराना क्षेत्र में बेमौसम हुई मूसलाधार बारिश किसानों के लिए आफत बन गई। पहले से गंदे पानी से लबालब मामौर झील मूसलाधार बारिश के पानी से एक बार फिर ओवरफ्लो होकर टूट गई। किसानों ने बताया कि उनके द्वारा झील के किनारे पर पानी रोकने के लिए लगाई गई मिट्टी की आड़ तेज बारिश के पानी से टूट गई। जिस कारण झील का पानी किसान हनीफ की 40 बीघा, मंजीत की 30 बीघा, मुख्तियार की 40 बीघा, अय्यूब की 40 बीघा, करनेल की 20 बीघा, मामचंद की 20 बीघा, यशपाल की 35 बीघा धान की कटी हुई खेतों में पड़ी फसलों में पानी घुस गया। जिससे धान की समस्त फसल पानी में लबालब होकर नष्ट हो गई। इसके अलावा झील व बारिश का पानी गांव मामौर निवासी ग्रामीण अय्यूब, लकखा, कामिल, इलियास, नासिर, दल्ली, गय्यूर, जावेद , हेप्पी के मकानों में भर गया। सभी मकानो के गिरने की आशंका बनी हुई हैं। किसानों ने बताया कि मामौर झील की समस्या का शासन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई समाधान नहीं कराया गया, जबकि अनेको बार प्रशासनिक अधिकारियो व जनप्रतिनिधियों द्वारा झील का निरीक्षण कर केवल खानापूर्ति की जाती रहीं हैं। हर बार बारिश होने या कैराना नगर से आने वाले गंदे पानी के कारण झील ओवरफ्लो होकर टूट जाती हैं। जिससे हर बार उनकी फसलों को भारी नुकसान हो जाता हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से उनको कभी भी उनकी फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया। जिस कारण वें बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। किसानों ने शासन प्रशासन से उनकी फसलों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की हैं।
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