शामली। जनपद के बीएसए कार्यालय ने हाईकोर्ट और विभागीय अफसरों के आदेशों को ठेंगे पर रख दिया है। नियम-कानूनों को ताक पर रखकर शिक्षकों को बीएसए कार्यालय से संबद्ध कर उनसे लिपिक का कार्य कराया जा रहा है। यह संबद्धीकरण उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव के आदेश के विपरीत किया गया है। थानाभवन निवासी एक व्यक्ति ने शिक्षा निदेशक कार्यालय में शिकायत कर शिक्षकों का संबद्धीकरण समाप्त कराने की मांग की है।
शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में थानाभवन कस्बा निवासी सुशील पांचाल ने बताया है कि प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक दीपेंद्र कुमार, राजकुमार और दिनेश कुमार का नियम विपरीत बीएसए कार्यालय में संबद्धीकरण किया गया है। इनसे शिक्षण के बजाय लिपिकीय कार्य लिया जा रहा है। हाईकोर्ट और विभाग के आला अफसर भी स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं कि किसी भी दशा में शिक्षकों का संबद्धीकरण नहीं होगा। इसके बावजूद बीएसए कार्यालय में मनमानी जारी है। इस संबंध में आला अधिकारियों से शिकायत और उनके निर्देश आने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।
तत्कालीन बीएसए ने निरस्त कर दिया था संबद्धीकरण
तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी अनुराधा शर्मा के संज्ञान में यह मामला आया था। शामली में पूर्व बीएसए अनुराधा शर्मा ने जून 2018 में उच्च प्राथमिक विद्यालय सिभालका के सहायक अध्यापक दीपेंद्र कुमार, प्राथमिक विद्यालय महरमपुर के सहायक अध्यापक राजकुमार और प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर के सहायक अध्यापक दिनेश कुमार का संबद्धीकरण समाप्त कर दिया था। उनके तबादले के बाद फिर से शिक्षकों का संबद्धीकरण कर दिया गया।
क्या है अफसरों और सरकार के आदेश
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद की सचिव रूबी सिंह ने भी 2018 में प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी करके किसी भी अध्यापक को बीएसए कार्यालय में अटैच करने पर रोक लगाई थी। एक याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार से हलफनामा मांगा था। सरकार ने कहा था कि प्राथमिक शिक्षकों को कार्यालयों से संबद्ध नहीं किया जाएगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
ये बोली बीएसए गीता वर्मा
कार्यालय में बाबू नहीं होने के कारण दो शिक्षकों से बीएसए कार्यालय में काम लिया जा रहा है। जब बीएसए गीता वर्मा से पूछा गया कि ये कितने समय से काम कर रहे हैं तो इस संबंध में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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