देश का युवा जागो क्रांतिकारियों के लहू से सींचे इतिहास को बचालो : बी एस बेदी


साथियों बात करें  आज से 7 दशक पीछे गुलाम भारत की  , या बीते 7 दशक वर्तमान आजाद भारत की आज की आपेक्षे पूर्व गुलाम भारत में  देश की जनता अपने वीर क्रांतिकारियों को अधिक सम्मान व प्यार देती देती थी ,यही कारण था उनके प्यार ने क्रांतिकारी वीरों को एक चट्टान की तरह मजबूत बना दिया जो तानाशाही ब्रितानिया हुकूमत उन्हें हिला न सकी ,और चंद वीरों ने ब्रिटिश राज का अंत कर दिया अपना बलिदान देकर , और भारत को आजाद करा गए , और बदले में आजाद भारत की सरकारों ने व जनता ने क्या सम्मान दिया , एक गुमनाम इतिहास ,  तो किसी आतंकवादी की परिभाषा दी ,   सरकारें अपने अस्तित्व के बचाने में लगी रहीं , और धीरे धीरे इनको गुमनाम की स्थिति में ला खड़ा कर दिया,   क्रांतिकारियों के प्रति देश में  90% व्यक्तियों की मानसिकता ए बन चुकी है इनके नाम से कोई मांग करने से क्या फायदा होगा , ए तो चले गए इनके लिए क्यों समय बर्बाद किया जाए।  ऐसे एहसान फरामोश मूर्खों की बजय  से हमारे भारत मां के वीर सपूत सम्मान से वंचित रह गए , जो आज़ाद भारत  ने नहीं दिया ,  आज देश में हर कोई अपने स्वार्थ , राजनीत हित आदि के लिए लोग आंदोलन के लिए भारी संख्या में एकत्र हो जाते है , अगर यही बात उन वीर क्रांतिकारी बलिदानियों के आंदोलन की , की जाए जिन्होंने उनके पूर्वजों व उनको अंग्रेजो की वर्षों की गुलामी से मुक्त कराया अपना बलिदान देकर , चाहे वह  सर्वंश दानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी, महाराज हों , या सरदार भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद , नेता जी बोस , अशफाक उल्ला ख़ां , पंडित रामप्रसाद बिस्मिल सरदार उधम सिंह आदि हों , इनके सम्मान के आंदोलन की लड़ाई की बात तो दूर  , कोई नमक हराम इनके समर्थन में अपनी जुबान नहीं खोलेगा ,  , कभी कभी ऐसे हालातों से ऐसा लगता है देश से अंग्रेज तो चले गए , मगर कहीं ना कहीं  अत्यधिक  संख्या में उनका खून पनप रहा है ,   यही कारण  है यही कारण है कि क्रांतिकारियों के सम्मान के लिए देश में कोई आंदोलन खड़ा नहीं होता , अगर कोई इस सोच और बलिदानियों के इतिहास को आगे बढ़ाए तो लोग साथ चलने की बजाय उसकी टांग खींचते है  

आज देश में इन वीर के क्रांतिकारियों के इतिहास व शहीद का दर्जा भारत रत्न देने आदि सम्मान की मुहिम मात्र एक क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन विगत 6 वर्षों  देश की युवा पीढ़ी में जन चेतना लाने का काम कर रहा है      

 इन्कलाब जिंदाबाद    

आओ आपस में वैर न रखो मेरे देश वासियों  

एक तिरंगे की छत के नीचे  आओ मेरे प्यारे साथियों   

अपने शहीदों को जाति धर्म से ना जोड़ो    

क्योंकि इन्होंने जाति धर्म देख कर बलिदान नहीं दिया बल्कि ए समझकर दिया  हम भारत वासी है ,  भारत के लिए मरेंगे , भारत के लिए जिएंगे 

जय हिन्द जय भारत

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