नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में कर रहे नशीली दवाओं के कारोबारी नशा माफिया डॉ अरुण कुमार राय ने बदला पतरा : अब अपने निजी क्लीनिक कुडाना बस स्टैंड के सामने वाली कॉलोनी मुजफ्फरनगर रोड शामली से कर रहे कारोबार


बिडोली में भी केवल एक दिन नियमानुसार खुलता है नशा मुक्ति केंद्र लेकिन प्रतिदिन भारत धर्म कांटा व चाय की दुकान जो कि पुलिस चौकी के सामने हैं से चल रहा है खुलेआम कारोबार


पंजाब हरियाणा के पुंडरी व उत्तर प्रदेश के बागपत सहारनपुर व बिजनौर में प्रशासन की सख्ती के चलते बंद कराए जा चुके हैं इन नशा माफियाओं के नशा मुक्ति केंद्र


इस अवैध कारोबार में केवल डॉक्टर अरुण कुमार रॉय ही नहीं नोएडा के डॉक्टर जो एनजीओ की आड में लगे हैं इस अवैध कारोबार में मेरठ मेरे से भी जुड़े हैं इस अवैध कारोबार के तार


अब तो जिस तरह कोई प्राइवेट कंपनी अपने कमीशन एजेंट छोड़ती है उसी तरीके से इन नशा व्यापारियों द्वारा छोड़े जा रहे हैं क्षेत्र में अपने कमीशन एजेंट हर वक्त जेब में मोटरसाइकिल ओर पर गाड़ियों में लिए घूमते हैं नशीली दवाएं


आपको बता दें कि पूर्व में प्रकाशित हुई खबरें जिसमें जनपद शामली में नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में डॉक्टर अनुराग के संरक्षण में चल रहे नशीली दवाओं के कारोबार का भंडाफोड़ किया गया था तथा उक्त सभी कारोबार में सीएमओ की भूमिका पर उठे सवाल इन्हीं सब को देखते हुए नशा माफिया डॉ अरुण कुमार राय ने नई योजना के तहत काम करना शुरू कर दिया है उसकी नई योजना के अनुसार हफ्ते के 6 दिन अपने सामने स्थित निजी क्लीनिक जो कुड़ाना रोड के सामने वाली कॉलोनी मुजफ्फरनगर रोड शामली में स्थित है उसे नशीली दवाओं का कारोबार किया जा रहा है और साथ ही साथ बिडोली नशा मुक्ति केंद्र को हफ्ते में केवल 1 दिन नियम अनुसार रविवार को खोला जा रहा है और आए दिन बिडोली में स्थित नशा मुक्ति केंद्र की बराबर में भारत धर्मकांटा व पुलिस चौकी के सामने स्थित चाय की दुकान से हो रही है नशीली दवाओं की सप्लाई मुख्यमंत्री से शिकायत तथा उच्च अधिकारियों से शिकायत के बावजूद बदला है तो सिर्फ इतना अधिकारियों का महीना बड़ा और बदल गया नशीली दवाई सप्लाई करने का तरीका वैसे कारोबार जो का तो आप देखना ही होगा कि नशा माफिया के बदले इस तरीके का खुलासा होने के बावजूद नशा माफिया व अधिकारी किस तरह की योजना बनाकर अपने इस अवैध कारोबार को जारी रखती है या फिर कुछ अधिकारी इस नशे के अवैध कारोबार को बंद करा पाती है या नहीं लेकिन सबसे बड़ी बात है यदि यह कारोबार बंद नहीं हुआ तुम ना जाने कितने घर परिवार बर्बाद हो जाएंगे तो जैसे कभी पंजाब में हर घर हर गली हर नुक्कड़ पर होती थी नशेड़ी वही स्थिति आज जनपद शामली में होती जा रही है और इस सब के जिम्मेदार नशा कारोबारी है वहीं  कम जिम्मेदार शासन प्रशासन के लोग भी नहीं है जो अपने थोड़े से स्वार्थ के लिए युवाओं के भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं लगा रहे हैं परिवारों की शांति व्यवस्था पर दांव पर इस नशे से जागरण इन सब को बढ़ाओ मिली है वहीं आने वाली नस्लें भी नशे की लत में बढ़ती जा रही है अब देखना यह होगा कि आखिर कौन इस आने वाली पीढ़ी को इस नशे की चपेट से बचाने में आगे आता है आखिर कब तक चलता रहेगा यह शामली में कहने को तो यह नशे का कारोबार शामली में है लेकिन इसके तार जुड़े पंजाब हरियाणा राजस्थान और


पश्चिमी यूपी के प्रत्येक जनपद से और कोरियर के माध्यम से विदेशों तक भी भेजी जाती है नशीली दवाइयां आपको बता दें कि शिकायतों के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा पुंडरी हरियाणा से सेंटर बंद कराया गया वही उत्तर प्रदेश के बागपत बिजनौर तथा सहारनपुर में भी बंद हो चुके हैं इन नशीली दवाओं के कारोबारियों के नशा मुक्ति केंद्र सबसे बड़ा सवाल उठता है कि बिडोली में ही क्यों संचालित है नशा मुक्ति केंद्र इसके पीछे भी एक सोची समझी रणनीति है हरियाणा में सरकार की सत्ता के चलते आए दिन बंद हो रहे नशा मुक्ति केंद्र भाई पंजाब में भी बंद हो रहे हैं नशा मुक्ति केंद्र इसलिए बॉर्डर पर खोला गया बदमाश आसानी से हरियाणा पंजाब और राजस्थान भेजी जा सके दवाइयां जो पंजाब के लोग विदेशों में रहती है तस्वीर भेजी जाती है दवाइयां इसीलिए सहारनपुर के शाहजपुर बॉर्डर पर भी खोला गया था नशा मुक्ति केंद्र लेकिन सहारनपुर प्रशासन ने कराया बंद अभी मेडिकल स्टोर्स की आड में किया जा रहा है नशीली दवाओं का कारोबार अब देखना यह होगा कि जिस तरह हरियाणा पंजाब सहारनपुर बिजनौर वह बागपत जिला प्रशासन ने उक्त कारोबार को बंद कराने में तथा युवाओं के भविष्य को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है क्या शामली प्रशासन भी ऐसा कर पाएगा या फिर चंद रुको के लालच में चलता रहेगा यह नशीली दवाओं का कारोबार अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा

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