आंगनवाड़ी ही नहीं अब मृतक आंगनवाड़ी भी कराएगी कोविड टीकाकरण


जनपद शामली में एक अजीबोगरीब वाक्य सामने आया जब स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक तारीख से शुरू होने वाले टीकाकरण संबंधी पत्र जारी किया गया उक्त पत्र में लगभग 5 साल पूर्व मर चुकी आंगनवाडी कार्यकत्री की भी ड्यूटी टीकाकरण में लगा दी गई अभी से लापरवाही कहिए या कुछ भी लेकिन वाकई ही चौंकाने वाली बात है कि इतने गंभीर विषय पर जहां पूरा वर्ल्ड इस महामारी से जूझ रहा है ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही कि मृतक आंगनवाड़ी की ड्यूटी लगा दी जाए केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं बाल विकास विभाग की प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी सुदेश भारती की भी जिम्मेदारी एवं उसके द्वारा की गई लापरवाही है लेकिन विषय बड़ा गंभीर है

आपको बता दें कि ग्राम पंचायत  टिटौली 1 तारीख से शुरू होने वाले कोविड टीकाकरण ने मृतक आंगनवाडी कार्यकत्री रविंदरी की ड्यूटी लगा दी गई वह भी प्राइमरी पाठशाला नंबर दो मैं चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त आंगनवाडी कार्यकत्री की मृत्यु लगभग 5 वर्ष पूर्व हो चुकी है और जिस अधिकारी यानी बाल विकास परियोजना अधिकारी कैराना सुरेश भारती द्वारा स्वास्थ्य विभाग को दी गई सूची के अनुसार ड्यूटी लगी है आंगनवाड़ी कार्यकत्री का मृत्यु उसी के कार्यकाल में हुई है ऐसा भी नहीं कि नया अधिकारी है उसको जानकारी नहीं थी तो इसे आप लापरवाही कहिए या कुछ भी लेकिन इतना तय है कि इस तरह की लापरवाही माफी के काबिल नहीं है आज पूरा वर्ल्ड इस महामारी से जूझ रहा है ऐसे में ऐसे अधिकारियों की कार्यप्रणाली के चलते जहां विभाग का मजाक बनता है आज पूरे गांव में चर्चा है कि अब आंगनवाड़ी ही नहीं मरता आंगनवाड़ी भी लगाएगी तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध निश्चित रूप से होनी चाहिए कठोर कार्रवाई हमारे प्रतिनिधि द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष श्रीवास्तव से बात करनी चाही तो उनका फोन नहीं उठा उसके पश्चात डॉ भानु प्रकाश से हमारे प्रतिनिधि द्वारा फोन पर वार्ता की गई डॉ भानु प्रकाश ने बताया कि उन्हें बाल विकास परियोजना अधिकारी कारणों द्वारा जो सूची उपलब्ध कराई गई है उसके आधार पर ही ड्यूटी लगाई गई है

जब इस विषय में हमारे प्रतिनिधियों द्वारा बाल विकास परियोजना अधिकारी सुदेश भारती से बात करनी चाहिए तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया उधर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा फोन नहीं उठाया जाना उधर बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा फोन नहीं उठाया ना साफ प्रतीत होता है कि लापरवाही से की जा रही है ड्यूटी इससे पहले भी सुदेश भारती चर्चाओं में रह चुकी है नियमानुसार प्रभारी को परियोजना मुख्यालय पर ही निवास करना पड़ता है जबकि प्रभारी बाल विकास अधिकारी जनपद प्रदेश में ही नहीं हरियाणा में करती है निवास कभी-कभी आती है और अधिकारियों सेटिंग के चलते  चलती है ड्यूटी या जनपद की अनेकों मुख्य सेविकाओं को इधर से उधर किया गया लेकिन सुपरवाइजर को ज्यों का त्यों जो कि काफी लंबे समय से कैराना परियोजना में ही जमी है स्थान तक नहीं किया गया इतना ही नहीं उप प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा स्वयं ही हरियाणा में नहीं उक्त की आंगनवाड़ी कार्यकत्री भी हरियाणा में रहती है कभी-कभी आती है महीना अधिकारी को देती है और फिर हरियाणा ही चली जाती है ऐसे में अब उक्त बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा की गई इतनी बड़ी गलती की  मृतक आंगनवाड़ी कार्यकत्री की ही ड्यूटी टीकाकरण में लगा दी गई भूलवश इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसी बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा मृतक आंगनवाड़ी के पद पर आवेदन लिए जा चुके हैं अब देखना यह होगा कि क्या विभागीय अधिकारी इस लापरवाह एवं भ्रष्ट बाल विकास परियोजना अधिकारी पर करेंगे कोई कार्रवाई या हर बार की तरह इस बार भी अपनी चहेती इस बाल विकास परियोजना अधिकारी को बचाने का करेंगे प्रयास यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन इतना तय है कि जिस तरह चिकित्सा विभाग भी इस लापरवाही से अपना पल्ला झाड़ रहे कहीं ना कहीं चिकित्सक भी दोषी है जहां पूर्ण जिम्मेदारी बाल विकास विभाग की बनती है लेकिन वहीं इस तरह  चिकित्सा विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटता

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