एक समाजसेवी के रूप में यात्रा ‘वह खुद ही जानते हैं बुलंदी आसमानों की, परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की’


यह पंक्तियां युवा समाजसेवी अंकित बड़थ्वाल जी पर सटीक बैठती हैं, जो अपने मित्र बड़े भाई उमेश कुमार की समाजसेवा की भावना से प्रेरित होकर जरुरतमंदों की सेवा में जुटे हुए हैं। आपका उद्देश्य है कि जितना हो सके अधिक से अधिक जरुरतमंद लोगों की सेवा की जाए तथा समाज को बेहतर बनाया जाए।

दरअसल बचपन से ही अपने श्री उमेश कुमार जी द्वारा की जा रही समाजसेवा के कार्यों को नजदीक से देखा-समझा। अब बडे भाई के द्वारा दिखाई राह पर आगे बढ़ते हुए अंकित बड़थ्वाल जी अपने दैनिक जीवन का ज्यादातर समय समासजेवा में बिता रहे हैं। बेहद सरल और भद्र व्यवहार के लिए लोगों में लोकप्रिय अंकित बड़थ्वाल जी ने NIOS उत्तराखंड देहरादून से BA की पढ़ाई पूरी की है। वो बताते हैं कि ‘जब उन्होंने पढ़ाई पूरी करने से पहले शिवसेना उत्तरप्रदेश से राजनीति में कदम रखा था। तो देखा कि मौजूदा समय में आम लोग महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी भयंकर समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिन नेताओं को जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है, जो अफसर लोगों के हित में फैसले लेने हेतु नियुक्त होते हैं वही नेता और अफसर आपसी सांठ-गांठ कर जनता के पैसों को लूट खा रहे हैं। कुल मिलाकर आम लोगों के अधिकार सरेआम छीने जा रहे हैं। फिर समाज के आम लोगों से उनके लगाव और बड़े भाई से प्राप्त समाजसेवा की सीख की वजह से वो पूरी तरह से समाजसेवा हेतु समर्पित होते चले गए। उनको पता भी नहीं चला कि कब वो शोषित और दबे-कुचले लोगों की आवाज बनकर उभर गए’।

जनता का मानना है कि किसी भी देश-प्रदेश या जिले की तरक्की तब तक नहीं हो सकती जब तक कि वहां के पिछड़े लोगों का जीवन स्तर न सुधारा जाए। शहर में चौंड़ी सड़कें और ऊंची-ऊंची इमारतें बनना अच्छी बात है लेकिन शहर के गरीब लोगों और उनकी जररूतों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर गरीब होने की वजह से किसी की रोटी-कपड़ा-मकान जैसी मूलभूत आवश्यकता नहीं पूरी हो पा रही है तो उस देश-प्रदेश या जिले की तमाम तरक्कियों का कोई मतलब नहीं है। इसीलिए आज अंकित बड़थ्वाल जी समाज के पिछड़े व शोषित वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने तथा उनका हक दिलाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। आज आलम यह है कि कोई आपको अपने दुख के समय में याद कर लेता है तो आप अगले ही पल बिना किसी झाम-ताम के उसके यहां पहुंच जाते हैं। फिर आवश्यकतानुसार धन, वचन और कर्म से उस जरूरतमंद की मदद करते हैं।


समाज के हर वर्ग के प्रति जनता के लगाव और प्रेम भावना के साथ ही समाजसेवा के तमाम उत्कृष्ट कार्यों की वजह से आज बड़थ्वाल उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के चहेते बन गए हैं। शहर का हर व्यक्ति न सिर्फ उनके प्रयासों की सराहना करता है बल्कि उनसे समाज सेवा की प्रेरणा भी लेता है। प्रदेश के जिस स्थान पर जाते हैं वहां के क्षेत्रवासी बड़थ्वाल को देखकर अभिभूत हो जाते हैं। समाजसेवा के कार्यों से हर किसी को आकर्षित किया है। अपने क्षेत्र को भी आगे ले जाने में काफी योगदान दिया है। चाहे रक्तदान शिविर व स्वास्थ्य जांच शिविरों के माध्यम से जरुरतमंदों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का प्रयास हो, बड़थ्वाल हर क्षेत्र में लोगों की बहुत मदद की। वहीं दूसरी ओर शिक्षा को सर्वोपरि मानते हुए उन्होंने कई स्कूलों में आर्थिक सहायता देकर भविष्य के निर्माताओं को तैयार करने में भी सराहनीय योगदान दिया। नन्हे-मुन्ने बच्चों से उनसे खास लगाव होने की वजह से समय-समय पर वह बच्चों के बीच जाते रहते हैं तथा उनको आने वाली जिंदगी के प्रति प्रोत्साहित करते रहते हैं। समाजसेवा की भावना को देखते हुए कई जानी-मानी सामाजिक संस्थाएं आपको पुरुस्कृत भी कर चुकी हैं।


अंकित बड़थ्वाल जी का कहना है कि ‘समाज सेवा से बड़ा पुण्य कार्य कोई नहीं है। समाज सेवा अगर निस्वार्थ भाव से की जाए तो मानवता का कर्तव्य सही मायनों में निभाया जा सकता है। हर व्यक्ति समाज का अभिन्न हिस्सा होता है। जब तक हम समाज में रहते हैं तब तक समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करना हम सभी का नैतिक दायित्व हैं। इस कार्य से विमुख होने का मतलब समाज से दूर होना है। यह जरूरी नहीं है कि पैसों से ही समाजसेवा की जाए, आप दूसरों की छोटी-छोटी जरूरतों को दूर कर भी समाजसेवा कर सकते हैं। किसी गरीब व्यक्ति की सहायता कर, जरूरत पड़ने पर उसकी आवाज बन कर भी समाज सेवा की जा सकती है। इसलिए आज हर व्यक्ति को समाज सेवा से जुडऩा चाहिए ताकि हमारे समाज का स्तर ऊंचा हो सके’।


जहां एक तरफ चुने हुए प्रतिनिधि तमाम प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जा रहे हैं वहीं अंकित जी बिना किसी पद पर होते हुए भी समाज सेवा से लगातार जुड़े हैं। राजनीति के बारे में आप का मानना है कि राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हुए मानव कल्याण, जनसेवा तथा देश सेवा का काम और भी अधिक सुदृढ़ता व मजबूती से किया जा सकता है।

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