हरियाणा गॉव के गोहाना तहसील के श्री नीरज कुमार प्रजापति ने कैंसर को मात देने के लिए और जैविक खेती का प्रचार करने के लिए पूरे देश की एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह (111111) किमी यात्रा करने का बीड़ा उठाया और इस जज्बे को सीने में लिऐ सम्पूर्ण भारतवर्ष के किसानों को जैविक खेती करने के लिए एक साइकिल यात्रा आरम्भ की

 यह वह यात्रा है जिसे वह अपने देश के किसानों के लिए करना चाहते है। यह जैविक खेती के प्रचार के लिए साइकिल यात्रा से देश के अनेकों राज्यों में यात्रा कर चुके है। नीरज ने यह यात्रा गॉव आहुलाना तहसील गौहाना जिला सोनीपत हरियाणा से शुरू कर 11600 किमी. की यात्रा पर विराम लिया। इसके बाद दूसरी यात्रा 23 फरवरी से 22 मार्च तक 2635 किमी की राजस्थान के झुंझनू से शुरू की, जिसमें बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर श्री गंगानगर होते हुए सिरसा तक की तथा दूसरी यात्रा 25 मार्च से शुरू कर हरियाणा के सोनीपत, मेरठ, मुरादाबाद यू0पी0 से होते हुए उतरांखण्ड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, श्रीनगर से पंजाब के लिए की जायेगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती की ओर जागरूक करना है। इसकी प्रेरणा उन्हें हरियाणा और पंजाब अबोहर से चलने वाली कैंसर ट्रेन से मिली, जो बीकानेर में पेशेंट को लेकर आते है, जिसमें 75 प्रतिशत यात्री कैंसर के मरीज होते है। वहीं से नीरज प्रजापति जी को प्रेरणा मिली कि अगर हमने यूरिया और केमिकल को धीरे-धीरे कम नहीं किया तो यह ट्रेन आने वाले समय में पूरे भारत में चलानी पड़ सकती है। इसलिए किसानों को जागरूक करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि हम कैसे यूरिया रहित खेती कर सकते है और जैविक खेती की तरफ कैसे बढ़ सकते है। उक्त उद्गार स्थानीय सेन्ट आर0 सी0 कान्वेंट स्कूल में हमारा परिवार षामली द्वारा आयोजित ‘‘जैविक खेती प्रचार गोश्ठी’’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्री अरविन्द संगल निवर्तमान चेयरमैन नगर पालिका परिषद् द्वारा व्यक्त किये । 

इस अवसर पर देश के किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक करने के लिए साईकिल यात्रा पर निकले श्री नीरज कुमार प्रजापति जी के शामली आगमन पर उनको सम्मानित किया गया। श्री नीरज कुमार प्रजापति को ‘‘द बाइसाइकिल मैन ऑफ इण्डियन एग्रीकल्चर’’ के नाम से भी जाना जाता है। वह 16522 किमी की यात्रा पूर्ण कर किसान श्री श्याम सिंह रोड़ के खेत गॉव नांगल जिला शामली पहुंचे। श्री श्याम सिंह जी जो कि शामली में पिछले 4 वर्षो से तीन एकड़ में संघनीय बागवानी की प्राकृतिक खेती करते है। जिसमें उन्होंने विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियां प्राकृतिक विधियों से तैयार की है। इसके अलावा वह काला चावल एवं काले गेहूॅ की भी खेती करते है जो कि डायबिटीज एवं कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के मरीजों के लिए उपयोग में लायी जाती है। जिनके खेत पर पदमश्री सुभाष पालेकर जी एवं श्री राजीव जी वाइस चेयरमैन निति आयोग भारत सरकार के द्वारा भ्रमण किया गया है और उनके द्वारा किसानों के हित में किये गये कार्य की साराहना की। 


इस अवसर पर श्री नीरज जी ‘‘द बाइसाइकिल मैन ऑफ इण्डियन एग्रीकल्चर’’ ने स्कूल के अध्यापकों व आगन्तुकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जैविक का मतलब शुद्ध व दिव्य होता है। जैविक खेती प्राकृति के साथ सामंजस्य बना कर चलती है ना कि इसके विरूद्ध। इस खेती में ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जाता है जो कि अच्छी फसल देने के साथ-साथ प्राकृति और उसमें रहने वाले लोगों को कोई नुकसान ना पहुंचे। पिछले कई वर्षो से किसानों को निरन्तर टिकाऊ व जैविक खेती के सिद्धान्त पर खेती करने की सिफारिश की जा रही है, सरकार द्वारा भी इस विशेष प्रकार की खेती को अपनाने के लिए बढावा दिया जा रहा है। जैविक खेती में मृदा की संरचना और उर्वरकता को बनाए रखने के लिए व उसे बढाने के लिए फसल के कचरे व पशु खाद का पुनर्नवीनीकरण करना, खेती की सही समय पर जुताई करना होता है। जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है। भूमि की जल धारण क्षमता बढती है और पानी का वाष्पीकरण कम हो जाता है। इसलिए आज के किसान को अपने देश के भविष्य को बचाने के लिए जैविक खेती की ओर बढ़ना चाहिए, इसी से एक स्वस्थ व सम्पन्न देश का विकास होगा।   

कार्यक्रम का संचालन हमारा परिवार अध्यक्ष श्री प्रतीक गर्ग जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ लोकेश वशिष्ठ, जयवीर कुडाना, मनीष भटनागर, संजय संगल, प्रदीप विश्वकर्मा, आदित्य कुमार, आर.पी.एस.मलिक, भावना देवी, अंजू पंवार, राजीव सिंघल, मनीष मित्तल, गीता शर्मा, प्रतिभा, जसविन्दर कौर, अमित पंवार, कुशाग्र अग्रवाल, पूनम जैली, अनूप सिंह, हर्षित कुमार, रीना, निशा शर्मा, रवि हुड्डा, शालिनी, हरेन्द्र सिंह, आशा  आदि उपस्थित रहे।


(प्रतीक गर्ग)

अध्यक्ष-हमारा परिवार शामली ।

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