मुम्बई(नीतिका राव) कोरोना महामारी के चलते कल्याण विगत 4 माह से लॉकडाउन की स्थिति में है ऐसे में दिन-रात मटका, जुगार, काठी घोड़ी जैसे जुआ खेलियों ने यहां कल्याण के श्रीराम चौक पर अपना अड्डा बना रखा है।
ज्ञात हो कि कल्याण ज़ोन 3 अंतर्गत, श्रीराम चौक पर विगत लंबे अंतराल से जुआरियों ने डेरा जमा रखा है। जहां एक ओर पूरा देश कोरोना महामारी की वजह से सामाजिक औऱ आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है वहीं यह जुआरियों का जमघट यहां लाखों की हेराफेरी कर रहे हैं। प्रशासन के सभी नियमों की अवहेलना होने के बावजूद संबंधित पुलिस थाने के इंचार्ज खामोश बैठे हैं। इस संबंध में पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार संबंधित पुलिस थाने में सूचना दी गई, लेकिन कार्यवाही के नाम पर यहां मात्र फ़ोन स्वीकारे जा रहे हैं।
इस संबंध में सलाम खाकी की पत्रकार व मराठी दैनिक 'भारत की आवाज़' की संपादक नीतिका राव ने जब संबंधित पुलिस अधिकारी से संपर्क किया तब रात को उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया। आश्चर्य की बात है कि पहले भी इस पुलिस स्टेशन में रात 12:30 बजे ड्यूटी ऑफिसर ने उन्हें पुलिस थाने आने के लिए कहा था। ज़ोन 3 के पुलिस उपायुक्त से भी रात संपर्क किया गया उन्होंने भी यही कहा कि अगर 'बुलाते हैं तो जाइये' उनके कहने पर कल रात 11 बजे पुलिस थाने में जाकर पत्रकार ने सारी घटना का विवरण दिया जिस पर संबंधित थाने के एक अन्य अधिकारी ने एक्शन लेने के आदेश देकर कुछ पुलिस कर्मचारियों को मौके पर भेजा। जुगार के अड्डे पर भगदड़ मच गई 25/30 लोग अचानक अंदर से निकले और भागने लगे।
पुलिस की यह निर्रथक कार्यवाही कई प्रश्न निर्माण कर रही है।
दिन रात चलने वाले इस जुगार के अड्डे की, संबंधित पुलिस को जानकारी होने के बावजूद वे इन अवैध गतिविधियों को नियंत्रित क्यों नहीं कर रहे? रात के समय महिला पत्रकार को पुलिस स्टेशन आमंत्रण का कारण?? पुलिस उपायुक्त द्वारा स्वयं महिला पत्रकार को पुलिस थाने जाने की सलाह देना?? यह सभी सवाल पुलिस की कार्यनीति पर सवालिया निशान बने हुए हैं।
अब देखना है कौन सा प्रशासन इन जुआरियों के खिलाफ कार्यवाही में अहम भूमिका निभाएगा?
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