शामली। जनपद के एक व्यक्ति की पीजीआई चण्डीगढ़ में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई, उसकी कोरोना रिपोर्ट संदिग्ध आने से हडकंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसका उपचार कर रहे चिकित्सक के नर्सिंग होम को सेनेटाइज किया जबकि मृतक के 13 परिजनों को क्वारंटीन कर दिया गया है।
जनपद के कांधला क्षेत्र के गांव डांगरोल निवासी एक व्यक्ति पिछले कई दिनों से बीमार था उसका नगर के एक निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक के यहां उपचार हुआ लेकिन दशा ठीक नहीं होने पर चिकित्सक ने उसे मेरठ रैफर कर दिया गत दिवस परिजन उक्त व्यक्ति को पुनः शामली चिकित्सक के यहां लाए जहां से उन्होंने उसे करनाल रैफर कर दिया। करनाल में चिकित्सकों के जवाब दे देने पर परिजन उसे पीजीआई चण्डीगढ़ ले गए जहां बीती देर रात उसने
उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बाद में पीजीआई में उसके शव का कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें उसकी रिपोर्ट इन टर्मिनेट यानि संदिग्ध आयी। इसकी सूचना मिलते ही जनपद में हडकंप मच गया।
मृतक के परिजनों के अनुसार वह ब्लड कैंसर से पीडित था, जिसके चलते उसकी पिछले कुछ समय से मेरठ के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था। कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब होने पर उसे शामली में एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उसकी हालत को देखते हुए उसे करनाल के लिए रेफर कर दिया गया था। करनाल में उसकी हालत में कोई सुधार ना होता देख डाक्टरों ने उसे तीन दिन पूर्व चण्डीगढ पीजीआई के लिए रेफर कर दिया था। जहां पर उसकी उपचार चल रहा था। गुरुवार रात्रि के
समय उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु के बाद गांव में उसकी कोरोना से मौत का समाचार पहुंचा तो पूरे गांव में भय का माहौल व्याप्त हो गया। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतक के गांव पहुंची और उसकी पत्नी बच्चों समेत 13 परिजनों को घर में ही क्वारंटीन कर दिया तथा गांव में सेनेटाइजर का छिडकाव कराया गया और लोगों से सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने के लिए कहा गया।
उधर मृतक का उपचार करने वाले नगर के बुढ़ाना रोड़ स्थित चिकित्सक के नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग के विनय सिंह टीम के साथ पहुंचे और पूरे नर्सिंग होम का सेनेटाइजेशन किया गया और वहां काम कर रहे कर्मचारियों से ऐहतियात बरतने के लिए कहा गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय भटनागर ने कहा कि चिकित्सक के नर्सिंग होम को सावधानी के तौर पर सेनेटाइजेशन किया गया है।
कोरोना है था या नहीं रिपोर्ट में साफ नहीं
शामली। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि जनपद के डांगरोल गांव निवासी एक व्यक्ति की पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी है, उसका कोरोना टेस्ट में इन डिटरमेंट आया है यानि बता नहीं सकते कि कोरोना है या नहीं, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने मृतक के गांव में ऐहतियातन सेनेटाइजेशन, साफ सफाई, एक्टिव केस तलाशने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मृतक के परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटाइन कर दिया गया है और 13 सदस्यों के सेंपल लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आने तक सभी लोग क्वारंटाइन में रहेंगे।
रिपोर्ट आने तक मरीज नहीं देखेंगे-डाक्टर गुप्ता
शामली। नगर के चिकित्सक डा. डीपी गुप्ता का कहना है कि डांगरोल निवासी मरीज जब उपचार के लिए उनके यहां लाया गया था तब उसकी नाक से खून निकल रहा था। उपचार के बावजूद आराम न मिलने पर उसे मेरठ रैफर कर दिया था, जहां जगदंबा नर्सिंग होम में उसे भर्ती किया गया लेकिन उसके परिजन दो दिन बाद पुनः शामली लाए लेकिन गंभीर अवस्था के कारण उसे कल्पना चावला मेडिकल कालेज करनाल रैफर किया, जहां से उसे पीजीआई चण्डीगढ़ ले जाया गया। उन्होंने बताया कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट इन टर्मिनेट आयी है। उन्होंने बताया कि मरीज की आंतों में रुकावट थी। डाक्टर गुप्ता ने बताया कि उनके तथा स्टाफ का टेस्ट होगा, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही वे मरीजां का उपचार कर पाएंगे, इस अवधि तक वे सभी आइसोलेट रहेंगे।
जनपद के कांधला क्षेत्र के गांव डांगरोल निवासी एक व्यक्ति पिछले कई दिनों से बीमार था उसका नगर के एक निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक के यहां उपचार हुआ लेकिन दशा ठीक नहीं होने पर चिकित्सक ने उसे मेरठ रैफर कर दिया गत दिवस परिजन उक्त व्यक्ति को पुनः शामली चिकित्सक के यहां लाए जहां से उन्होंने उसे करनाल रैफर कर दिया। करनाल में चिकित्सकों के जवाब दे देने पर परिजन उसे पीजीआई चण्डीगढ़ ले गए जहां बीती देर रात उसने
उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बाद में पीजीआई में उसके शव का कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें उसकी रिपोर्ट इन टर्मिनेट यानि संदिग्ध आयी। इसकी सूचना मिलते ही जनपद में हडकंप मच गया।
मृतक के परिजनों के अनुसार वह ब्लड कैंसर से पीडित था, जिसके चलते उसकी पिछले कुछ समय से मेरठ के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था। कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब होने पर उसे शामली में एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उसकी हालत को देखते हुए उसे करनाल के लिए रेफर कर दिया गया था। करनाल में उसकी हालत में कोई सुधार ना होता देख डाक्टरों ने उसे तीन दिन पूर्व चण्डीगढ पीजीआई के लिए रेफर कर दिया था। जहां पर उसकी उपचार चल रहा था। गुरुवार रात्रि के
समय उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु के बाद गांव में उसकी कोरोना से मौत का समाचार पहुंचा तो पूरे गांव में भय का माहौल व्याप्त हो गया। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतक के गांव पहुंची और उसकी पत्नी बच्चों समेत 13 परिजनों को घर में ही क्वारंटीन कर दिया तथा गांव में सेनेटाइजर का छिडकाव कराया गया और लोगों से सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने के लिए कहा गया।
उधर मृतक का उपचार करने वाले नगर के बुढ़ाना रोड़ स्थित चिकित्सक के नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग के विनय सिंह टीम के साथ पहुंचे और पूरे नर्सिंग होम का सेनेटाइजेशन किया गया और वहां काम कर रहे कर्मचारियों से ऐहतियात बरतने के लिए कहा गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय भटनागर ने कहा कि चिकित्सक के नर्सिंग होम को सावधानी के तौर पर सेनेटाइजेशन किया गया है।
कोरोना है था या नहीं रिपोर्ट में साफ नहीं
शामली। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि जनपद के डांगरोल गांव निवासी एक व्यक्ति की पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी है, उसका कोरोना टेस्ट में इन डिटरमेंट आया है यानि बता नहीं सकते कि कोरोना है या नहीं, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने मृतक के गांव में ऐहतियातन सेनेटाइजेशन, साफ सफाई, एक्टिव केस तलाशने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मृतक के परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटाइन कर दिया गया है और 13 सदस्यों के सेंपल लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आने तक सभी लोग क्वारंटाइन में रहेंगे।
रिपोर्ट आने तक मरीज नहीं देखेंगे-डाक्टर गुप्ता
शामली। नगर के चिकित्सक डा. डीपी गुप्ता का कहना है कि डांगरोल निवासी मरीज जब उपचार के लिए उनके यहां लाया गया था तब उसकी नाक से खून निकल रहा था। उपचार के बावजूद आराम न मिलने पर उसे मेरठ रैफर कर दिया था, जहां जगदंबा नर्सिंग होम में उसे भर्ती किया गया लेकिन उसके परिजन दो दिन बाद पुनः शामली लाए लेकिन गंभीर अवस्था के कारण उसे कल्पना चावला मेडिकल कालेज करनाल रैफर किया, जहां से उसे पीजीआई चण्डीगढ़ ले जाया गया। उन्होंने बताया कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट इन टर्मिनेट आयी है। उन्होंने बताया कि मरीज की आंतों में रुकावट थी। डाक्टर गुप्ता ने बताया कि उनके तथा स्टाफ का टेस्ट होगा, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही वे मरीजां का उपचार कर पाएंगे, इस अवधि तक वे सभी आइसोलेट रहेंगे।
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