Ashok Singh Jee Ke Messenger Se Copy Kiya ... Dhanyavad Ashok.Jee...

डॉo राही मासूम रज़ा को बी०आर० चोपड़ा ने "महाभारत" टी०वी० सीरियल की पटकथा (SCRIPT) लिखने को कहा।
लेकिन राही मासूम रज़ा ने लिखने से इनकार कर दिया। दूसरे दिन यह ख़बर लगभग सभी न्यूज़ पेपरों में छप गयी।

हज़ारों लोगों ने चोपड़ा को ख़त लिखा कि पूरे हिंदुस्तान में एक मुसलमान ही मिला "महाभारत" लिखवाने के लिए?

चोपड़ा ने सारे ख़तों को एकत्रित कर राही मासूम रज़ा के घर भिजवा दिया।

ख़तों को देखने के बाद राही मासूम रज़ा ने चोपड़ा से कहा कि अब चाहे कुछ भी हो जाए,मैं ही लिखूँगा "महाभारत" की पटकथा क्योंकि मैं गंगा का असली पुत्र हूँ।दरअसल मासूम रज़ा गाज़ीपुर जिले के गंगौली गाँव में जन्में थे जो गंगा के तट पर बसा है।

राही मासूम रज़ा ने जब टी०वी० सीरियल "महाभारत" की पटकथा लिखी तो उनके घर में ख़तों के अंबार लग गए। लोगों ने डॉ० राही मासूम रज़ा की ख़ूब तारीफें की औऱ उन्हें ख़ूब दुआएँ दी।

ख़तों के कई गट्ठर बन गए लेक़िन एक बहुत छोटा सा गट्ठर उनकी मेज़ के किनारे हमेशा सब ख़तों से अलग पड़ा रहता था।

उनकी मेज़ के किनारे अलग से पड़ी हुई ख़तों की सबसे छोटी गट्ठर के बारे में वज़ह पूछने पर राही मासूम रज़ा साहब बताते थे कि ये वो ख़त हैं जिनमें मुझे गालियाँ औऱ बुरा-भला लिखा गया हैं।
कुछ हिन्दू इस बात से नाराज़ हैं कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुसलमान होकर "महाभारत" की पटकथा लिखने की औऱ कुछ मुसलमान नाराज़ हैं कि तुमने हिंदुओं की क़िताब को क्यों लिखा?

राही साहब हमेशा कहा करते थे कि ख़तों की यही सबसे छोटी गट्ठर दरअसल मुझे हौसला देती है कि हमारे मुल्क में बुरे लोग कितने कम हैं"।

=========================

दोस्तों, याद रखने की बात ये है कि आज़ भी नफ़रत फ़ैलाने वालों की "छोटी गट्ठर" हमारे प्यार -मोहब्बत के "बड़े गट्ठर" से बहुत छोटी है!

आज के इस मुश्किल दौर में हमें मिलकर 'कोरोना' जैसी महामारी से लड़ना है न कि एक दूसरे से! वरना हम-आप भी एक "छोटे से गट्ठर"  में सिमट कर रह जाएंगे, और उस 'गट्ठर' को आने वाली पीढियां हीन दृष्टि से देखेंगी और धिक्कारेंगी!

डॉo राही मासूम रज़ा को बी०आर० चोपड़ा ने "महाभारत" टी०वी० सीरियल की पटकथा (SCRIPT) लिखने को कहा।
लेकिन राही मासूम रज़ा ने लिखने से इनकार कर दिया। दूसरे दिन यह ख़बर लगभग सभी न्यूज़ पेपरों में छप गयी।

हज़ारों लोगों ने चोपड़ा को ख़त लिखा कि पूरे हिंदुस्तान में एक मुसलमान ही मिला "महाभारत" लिखवाने के लिए?

चोपड़ा ने सारे ख़तों को एकत्रित कर राही मासूम रज़ा के घर भिजवा दिया।

ख़तों को देखने के बाद राही मासूम रज़ा ने चोपड़ा से कहा कि अब चाहे कुछ भी हो जाए,मैं ही लिखूँगा "महाभारत" की पटकथा क्योंकि मैं गंगा का असली पुत्र हूँ।दरअसल मासूम रज़ा गाज़ीपुर जिले के गंगौली गाँव में जन्में थे जो गंगा के तट पर बसा है।

राही मासूम रज़ा ने जब टी०वी० सीरियल "महाभारत" की पटकथा लिखी तो उनके घर में ख़तों के अंबार लग गए। लोगों ने डॉ० राही मासूम रज़ा की ख़ूब तारीफें की औऱ उन्हें ख़ूब दुआएँ दी।

ख़तों के कई गट्ठर बन गए लेक़िन एक बहुत छोटा सा गट्ठर उनकी मेज़ के किनारे हमेशा सब ख़तों से अलग पड़ा रहता था।

उनकी मेज़ के किनारे अलग से पड़ी हुई ख़तों की सबसे छोटी गट्ठर के बारे में वज़ह पूछने पर राही मासूम रज़ा साहब बताते थे कि ये वो ख़त हैं जिनमें मुझे गालियाँ औऱ बुरा-भला लिखा गया हैं।
कुछ हिन्दू इस बात से नाराज़ हैं कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुसलमान होकर "महाभारत" की पटकथा लिखने की औऱ कुछ मुसलमान नाराज़ हैं कि तुमने हिंदुओं की क़िताब को क्यों लिखा?

राही साहब हमेशा कहा करते थे कि ख़तों की यही सबसे छोटी गट्ठर दरअसल मुझे हौसला देती है कि हमारे मुल्क में बुरे लोग कितने कम हैं"।

=========================

दोस्तों, याद रखने की बात ये है कि आज़ भी नफ़रत फ़ैलाने वालों की "छोटी गट्ठर" हमारे प्यार -मोहब्बत के "बड़े गट्ठर" से बहुत छोटी है!

आज के इस मुश्किल दौर में हमें मिलकर 'कोरोना' जैसी महामारी से लड़ना है न कि एक दूसरे से! वरना हम-आप भी एक "छोटे से गट्ठर"  में सिमट कर रह जाएंगे, और उस 'गट्ठर' को आने वाली पीढियां हीन दृष्टि से देखेंगी और धिक्कारेंगी!

No comments:

Post a Comment