इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक विभाग में चयनित सभी प्रोफेसर के अयोग्य होने की प्रधानमंत्री से शिकायत का रिमाइंडर पत्र


बृजेंद्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता अपना दल (यस), राजनीतिक सलाहकार पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ साइंस एंड सोसाइटी में चयनित दो असिस्टेंट प्रोफेसर एवं एक एसोसिएट प्रोफेसर के चयन को गलत बताते हुए सभी चयनितों के अपात्र होने के साक्ष्य दिनांक 24 सितंबर 2019 प्रधानमंत्री को भेजे थे।

 साथ ही साथ उन्होंने विश्वविद्यालय में सेंटर की चयन प्रक्रिया से जुड़े असिस्टेंट  प्रोफेसरों को इसलिए भी कटघरे में खड़ा किया थे। क्योंकि विज्ञापन में एक ही विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर के लिए अलग-अलग अहर्ता मांगी गई थी और इत्तेफाक यह था की सेंटर के तत्कालीन निदेशक के शोध छात्र इन अहर्ता को पूर्ण करते थे।

 एवं उनका चयन भी हुआ सेंटर में असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए एमएससी माइक्रोबायोलॉजी अहर्ता में नहीं रखा गया था जबकि एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर माइक्रोबायोलॉजी को इंगित किया गया था। सेंटर में चयनित एक असिस्टेंट प्रोफेसर का मामला उच्च न्यायालय में लंबित पड़ा है।

इन सभी मामलों की शिकायत माननीय प्रधानमंत्री, मानव संसाधन मंत्री एवं  सचिव उच्च शिक्षा आयोग से की गई थी। और इस मामले पर उचित कार्यवाही की मांग की गई थी।

यद्यपि 4 महीने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई ना होने के कारण और ना ही कोई जांच होने के कारण उन्होंने पुनः रिमाइंडर पत्र के माध्यम से जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है।

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