महान उन क्रांतिकारियों को शत शत नमन, जिन्होंने अपना बलिदान देकर ,गोरों से आज़ाद करा गए कालों को पहरेदार बना गए , सियासत की नई शुरू आत हुई , कुर्सी का फिर खेल हुआ जाति धर्म पर हुई दीवार खड़ी, सियासत के बाजारों में , इंसानियत जो नीलाम हुई , भाई ने भाई को मारा , मानवता की मौत हुई , मानवता की मिशाल बना था आज़ादी का महासंग्राम, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, मिकर सबने आज़ादी दिलाई , भारत की जो नीव खड़ी है , चारों धर्मो के बलिदानों पर,पहरेदारों सुनलो आज तुम , जागीर नहीं है देश तुम्हारी , गोरों से आज़ाद कराया , क्या औकात है तुम्हारी , भारत की धरती पर फिर , नया उदय, फिर होईगा , भगत सिंह , आज़ाद , राजगुरु, सुखदेव, अशफाक , फिर आएंगे, कालों में जो मार पड़ेगी हाय, हाय चिल्लायेंगे , भारत में जो मिशन चलेगा , मानवता राज चलेगा, ,हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, मिलकर चलेंगे चारो भाई । जय हिन्द जय भारत । बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन
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