अपने धर्म को जानने वाला मोहब्बत और सुकून के पैग़ाम को समझता है कोई भी मजहब आपस में बैर करना नहीं सिखाता है किसी रोते हुए को हंसाना सबसे बड़ी पूजा और इबादत होती है -एस0 पी0 अजय कुमार


समझो भारत न्यूज़ झिंझाना से पत्रकार प्रेमचंद वर्मा की रिपोर्ट

झिंझाना 20 सितंबर। अपने धर्म को जानने वाला मोहब्बत और सुकून के पैग़ाम को समझता है । कोई भी मजहब आपस में बैर करना नहीं सिखाता है। किसी रोते हुए को हंसाना सबसे बड़ी पूजा और इबादत होती है। - SPअजय कुमार
     गुरुवार की शाम हजरत सैयद इमाम महमूद नसरुद्दीन सब्जवारी शहीद रहमतुल्लाह के 853 वे उर्स के उद्घाटन अवसर पर जनसभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त कर हर दिल अजीज की वाह वाही लूटी ।
जनपद में  कानून व्यवस्था  कायम कर  प्रदेश में  शोहरत पाने वाले आईपीएस पुलिस अधीक्षक अजय कुमार समयानुसार मानवता , धार्मिकता के रास्ते  युवा  एवं  आम नागरिक को अपनी सोच बदल कर  जीवन  जीने की कला की सीख देने में भी पीछे नहीं रहते । इसी  कड़ी में  कस्बे में  हिंदू मुस्लिम एकता के  प्रतीक  हजरत इमाम दरगाह के सालाना उर्स के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने मुस्लिम युवाओं  से मुस्लिम महीनों के  नाम बताने पर ₹5000 नगद पुरस्कार देने की घोषणा की। लेकिन न बता पाने पर उन्होंने उक्त धन ₹5000 को मेला कमेटी के सदर अमजद को देकर गरीब बच्चों की सेवार्थ लगाने की मंशा जाहिर की।उन्होंने संदेश दिया

  कि किसी भी  धर्म  ने  मोहब्बत और सुकून के पैग़ाम से  जीवन  जीने का संदेश  दिया है  मेले का  उद्घाटन  पुलिस अधीक्षक  ने फीता काटकर किया । इस अवसर पर सफ़दर , बाबर , पूर्व चेयरमैन राकेश गोयल , व्यापारी नेता विनोद संगल , कस्बा चेयरमैन  नौशाद कुरेशी , खुर्शीद आलम ,  दिलशाद खान  , शफकत हुसैन आदि उपस्थित थे।  मेला कमेटी की ओर से पुलिस अधीक्षक  को  स्मृति चिन्ह भेंट कर  स्वागत किया गया।
       गौरतलब हो कि मेले का महत्वपूर्ण कार्यक्रम 21 तारीख में दिन में जुलूस पंखा और रात में कव्वाली ए होंगी 24 तारीख में मुकाबला कव्वाली होंगी । 26 तारीख में बाद नमाजे ईशा खत्म शरीफ और फिर महफिले समा कव्वाली ए होंगी । सूफियाना 28 तारीख में ऑल इंडिया मुशायरा होगा । जिसके बाद मेले का समाप्त किया जाएगा।
प्रेम चन्द वर्मा

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