मिट्टी के बर्तनों से स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों तक और फिर कैंसर के खौफ से दोबारा मिट्टी के बर्तनों तक आ जाना


मिट्टी के बर्तनों से स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों तक और फिर कैंसर के खौफ से दोबारा मिट्टी के बर्तनों तक आ जाना
 




*अंगूठाछाप से दस्तखतों (Signatures) पर*
       *और फिर अंगूठाछाप (Thumb Scanning) पर आ जाना,*

*फटे हुए सादा कपड़ों से साफ सुथरे और प्रेस किए कपड़ों पर*
          *और फिर फैशन के नाम पर अपनी पैंटें फाड़ लेना,*

*सूती से टैरीलीन, टैरीकॉट और फिर वापस सूती पर आ जाना*

*ज़्यादा मशक़्क़त वाली ज़िंदगी से घबरा कर पढ़ना लिखना*
        *और फिर IIM MBA करके आर्गेनिक खेती पर पसीने बहाना,*

*क़ुदरती से प्रोसेसफ़ूड (Canned Food & packed juices) पर*
        *और फिर बीमारियों से बचने के लिए दोबारा क़ुदरती खानों पर आ जाना,*

*पुरानी और सादा चीज़ें इस्तेमाल ना करके ब्रांडेड (Branded) पर*
         *और फिर आखिरकार जी भर जाने पर पुरानी (Antiques) पर उतरना,*

*बच्चों को इंफेक्शन से डराकर मिट्टी में खेलने से रोकना*
        *और फिर घर में बंद करके फिसड्डी बनाना और होश आने पर दोबारा Immunity बढ़ाने के नाम पर मिट्टी से खिलाना.....*

*गाँव, जंगल,  गौशाला से डिस्को पब और चकाचौंध की और भागती हुई दुनियाँ की और से*
      *फिर मन की शाँति एवं स्वास्थ के लिये शहर से जँगल गाँव व गौशालाओं की ओर आना*

*इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि टेक्नॉलॉजी ने तुम्हे जो दिया उससे बेहतर तो भगवान ने तुम्हे पहले से दे रखा था ..!!*

No comments:

Post a Comment