मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स की बड़ी पहल : ड्राफ्ट करिकुलम पर 8000 से अधिक प्रोफेशनल्स ने दर्ज की आपत्तियां और सुझाव

भारत में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स का संगठन JFMLT India (ज्वाइंट फोरम मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया) पिछले दिनों चर्चा में रहा। वजह थी – NCAHP (नेशनल कमीशन फॉर अलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशन), स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी मेडिकल लैब साइंस ड्राफ्ट करिकुलम

इस ड्राफ्ट पर 8000 से अधिक मेडिकल लैब प्रोफेशनल्स ने आपत्तियों और सुझावों के साथ अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई। यह पहल JFMLT इंडिया के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा रही।


वेबिनार और राष्ट्रीय विमर्श

📌 30 अगस्त और 7 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित दो बड़े वेबिनार में देशभर से मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स, बेसिक लैब संचालक, शिक्षक और प्रोफेसर जुड़े।
📌 विषय था – “मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी : भारत के आत्मनिर्भर दृष्टिकोण का एक स्तम्भ”
📌 इन वेबिनार्स में ड्राफ्ट करिकुलम की समीक्षा, केंद्रीय व राज्य स्तर पर काउंसिल और रजिस्ट्रेशन, बेसिक लैब संचालन और हस्ताक्षर अधिकार, तथा पैथ लैब कलेक्शन सेंटर से जुड़े नियम पर मंथन हुआ।


वक्ताओं के प्रमुख बिंदु

  • डॉ. विकास गौर (असिस्टेंट प्रोफेसर, नई दिल्ली) ने कहा कि ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी में मेडिकल लैब प्रोफेशनल्स शामिल नहीं हैं। ऐसे में नीतियां व्यवहारिक और पेशेवर दृष्टि से कमजोर हैं।
  • डॉ. संतोष कुमार (अध्यक्ष, JFMLT इंडिया) ने मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी के लिए तीन अलग-अलग कैडर (टेक्निकल, अकादमिक, साइंटिस्ट) बनाने का सुझाव दिया।
  • शिरीष चांडक (पश्चिमी ज़ोन कोऑर्डिनेटर, महाराष्ट्र) ने बताया कि बेसिक लैब से पूरे देश में लगभग 70% मरीजों की जांच होती है, लेकिन ड्राफ्ट में उनके हस्ताक्षर और संचालन अधिकार स्पष्ट नहीं हैं।
  • श्री जयचंद्र तंवर (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष) ने जानकारी दी कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां बेसिक लैब का रजिस्ट्रेशन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट के नाम से होता है।

संगठन की भूमिका और अभियान

  • राष्ट्रीय महासचिव श्रीकांत तिवारी और संयुक्त सचिव यदुनाथ मिश्रा ने पूरे भारत में अभियान चलाया, जिससे मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, छात्र और बेसिक लैब संचालक गूगल लिंक के माध्यम से आपत्तियां और सुझाव दर्ज करा सके।
  • अंतिम तिथि से पहले सभी सुझाव और आपत्तियां संगठन की राज्य इकाइयों द्वारा NCAHP को भेजी गईं। साथ ही इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्री को भी प्रेषित किया गया।

राष्ट्रीय भागीदारी

इस आंदोलन में हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात सहित देशभर के राज्यों से मेडिकल लैब प्रोफेशनल्स ने सक्रिय भागीदारी की।


👉 यह पहल सिर्फ एक ड्राफ्ट पर आपत्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि मेडिकल लैब प्रोफेशनल्स की पहचान, अधिकार और भविष्य के करियर पाथ को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह भी स्पष्ट हुआ कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है – चाहे वह गांव की बेसिक लैब हो या बड़े अस्पताल की हाई-टेक लैब।


✍️ ज़मीर आलम
विशेष संवाददाता, समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

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