बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के टीकरी कस्बे की भोजपुरी पट्टी से मंगलवार रात एक ऐसी घटना सामने आई जिसने हर किसी को भीतर तक हिला दिया। यहां एक महिला ने पहले अपनी तीन मासूम बेटियों का गला दबाकर कत्ल कर दिया और उसके बाद उसी चुनरी को फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। इस वारदात ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।
मासूम बेटियां बनीं मां की हैवानियत की शिकार
जानकारी के मुताबिक, मृतका तेजकुमारी (29) पत्नी विकास ने सबसे पहले बड़ी बेटी गुंजन (7) का गला दबाया। इसके बाद उसने दो साल की किट्टो और पांच महीने की मासूम मीरा को भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसी चुनरी से फंदा लगाकर खुद की जिंदगी भी खत्म कर दी।
पति घर के बाहर सो रहा था, अंदर मौत का खेल
तेजकुमारी का पति विकास पेशे से टूरिस्ट बस चालक है और दिल्ली की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता है। वह अक्सर महीनों घर से दूर रहता है। सोमवार को वह दो दिन की छुट्टी पर घर आया था। मंगलवार शाम वह मकान के बाहर पेड़ के नीचे सो गया।
रात करीब नौ बजे नींद खुली तो उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। दरवाजा अंदर से बंद था। जब पुलिस और ग्रामीणों ने रोशनदान से झांका तो खौफ़नाक नजारा सामने आया—तीन बच्चियों के शव बिस्तर पर पड़े थे और उनकी मां फंदे से लटकी थी।
दिल्ली में बसने की जिद बनी तनाव की वजह
एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पति-पत्नी के बीच दिल्ली में जाकर बसने को लेकर विवाद सामने आया है। तेजकुमारी चाहती थी कि वह और बच्चियां विकास के साथ दिल्ली में रहें, जबकि विकास आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद साथ ले जाने की बात करता था। आशंका है कि इसी बात ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
जन्मदिन से पहले ही बुझ गई जिंदगी
विकास ने बताया कि बड़ी बेटी गुंजन मुजफ्फरनगर के शाहपुर गांव में पढ़ाई करती थी। उसका जन्मदिन 12 सितंबर को था। इसी कारण तेजकुमारी 8 सितंबर को शाहपुर से गुंजन को घर लेकर आई थी। घर में जन्मदिन की तैयारी चल रही थी, लेकिन खुशियां मातम में बदल गईं।
दूसरी शादी से बसा था घर
पुलिस जांच में सामने आया कि तेजकुमारी मूल रूप से नेपाल की रहने वाली थी। उसकी पहली शादी टूट चुकी थी और गुंजन उसी से पैदा हुई थी। वहीं विकास की भी पहली शादी शामली की युवती से हुई थी। उससे उसकी दो बेटियां थीं, लेकिन विवाद के चलते तलाक हो गया और पहली पत्नी बेटियों को लेकर अलग हो गई।
करीब सात साल पहले पंजाब के लुधियाना में तेजकुमारी और विकास की मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली और तेजकुमारी ने दो और बच्चियों—किट्टो और मीरा को जन्म दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना से बना घर बना मौत का घर
विकास का मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना था। उसके ठीक बगल में ही भाइयों जगपाल और बबलू के मकान बने हुए हैं। घटना की खबर लगते ही तीनों परिवार और पूरा गांव गहरे सदमे में डूब गया।
ग्रामीणों की आंखें नम
घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीण यही कहते सुने गए—“जिस मां की गोद में बच्चियां सबसे सुरक्षित थीं, वही मां उनकी मौत का कारण बन गई।” इस वारदात ने पूरे गांव में मातम छा दिया है।
पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाई
एसपी सूरज कुमार राय ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर सबूत एकत्रित कराए। चारों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। पुलिस अब घटना के वास्तविक कारणों की जांच कर रही है।
जन्मदिन की तैयारियों के बीच मातम
जिस घर में जन्मदिन की खुशियां सजनी थीं, वहां अब मातम का सन्नाटा पसरा हुआ है। एक मां और तीन मासूमों की मौत ने पूरे जिले को दहला दिया है। लोग आज भी यह सोचकर सहमे हुए हैं कि आखिर एक मां अपने ही बच्चों की जान कैसे ले सकती है।
यह समाचार विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों पर आधारित है। घटना की जांच फिलहाल पुलिस और फॉरेंसिक टीम द्वारा की जा रही है, अतः अंतिम तथ्य एवं कारण जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होंगे। इस रिपोर्ट का उद्देश्य केवल सूचना देना है, किसी भी व्यक्ति, संस्था या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाना या उन्हें दोषी ठहराना नहीं है। आत्महत्या एवं हत्या दोनों ही संवेदनशील विषय हैं। यदि आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव से जूझ रहा है, तो तुरंत नज़दीकी मनोचिकित्सक से संपर्क करें या हेल्पलाइन नंबरों पर सहायता प्राप्त करें। समझो "भारत भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए पत्रकार गुलवेज़ आलम की खास रिपोर्ट
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