बिडोली/झिंझाना। छोटे से गांव आमवाली में शनिवार की सुबह कुछ अलग ही थी—हवा में गर्व था, चेहरों पर खुशी, और गलियों में ढोल-नगाड़ों के बीच जुलूस… वजह थी गांव के होनहार युवा समीर पुत्र नन्हा का इंडियन आर्मी की Signals शाखा में चयन। असम में प्रशिक्षण पूरा कर लौटे समीर का गांव में ऐसा स्वागत हुआ, मानो कोई सच्चा हीरो घर वापसी कर रहा हो।
गांव की गलियों में जुलूस, फूलों की बारिश और देशभक्ति के नारे
समीर के घर के बाहर सुबह से ही बधाइयों का तांता लगा रहा। बच्चे, युवा, बुजुर्ग—हर कोई उसकी सफलता से फूला नहीं समा रहा। जुलूस निकला, जिसमें समीर पर फूल-मालाओं की बारिश होती रही और रास्ते भर देशभक्ति गीत माहौल को और भी जोश से भरते रहे।
समीर को देखते ही माता-पिता की आंखें गर्व से नम हो गईं—उनका सपना आज हकीकत बन चुका था।
बचपन से ही सेना में जाने का सपना
परिजनों ने बताया कि समीर बचपन से ही सेना की वर्दी पहनकर देश सेवा करने का सपना देखा करता था। उसी लक्ष्य के लिए उसने मेहनत की, कठिनाइयों से लड़ा और आखिरकार छह महीने का कठिन सैन्य प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।
उसकी यह उपलब्धि न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव और मुस्लिम समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
सांसद और विधायक ने भी दी बधाई
समीर की सफलता की गूंज सोशल मीडिया तक पहुंची।सांसद इकरा हसन और विधायक नाहिद हसन ने फेसबुक हैंडल पर समीर को बधाई देते हुए कहा कि उसने मेहनत, लगन और देशप्रेम के दम पर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इकरा हसन ने उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ऐसे युवा आने वाली पीढ़ियों के प्रेरक स्तंभ होते हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों की प्रतिक्रिया
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ग्राम प्रधान अर्जुन सिंह ने कहा,
“समीर ने कठिन परिश्रम और अनुशासन से यह मुकाम हासिल किया है। वह हमारे गांव की शान है।" -
समाजसेवी ताहिर हसन बोले,
“समीर ने परिवार, समाज और जिले का नाम रोशन किया है। उसकी सफलता पूरे समुदाय की जीत है।” -
समाजसेवी वाजिद सिद्दीकी ने इसे
“मुस्लिम समाज के लिए गर्व का पल और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा” बताया। -
करनाल फौजी ने कहा,
“समीर का चयन युवाओं के लिए प्रेरक मिसाल है। देश सेवा के इस गौरवपूर्ण अवसर पर उन्हें दिल से शुभकामनाएं।”
गांव में उत्सव का माहौल
दिनभर गांव में रखा गया जश्न किसी त्योहार से कम नहीं था। हर घर में गर्व की चर्चा, हर गली में उत्साह—यह पल गांव आमवाली के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।✍️ **"समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
झिंझाना, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) से पत्रकार शाकिर अली की विशेष रिपोर्ट**#samjhobharat
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