जलालाबाद से पैदल बिहार कर रहे सभी जैन संत जब गढ़ी पुख्ता पहुंचे, तो कस्बे का माहौल पूर्णतः भक्तिमय हो उठा। स्थान–स्थान पर पुष्पवर्षा, जयकारों की गूंज और श्रद्धालुओं की कतारें इस आगमन को और भी दिव्य बनाती रहीं।
कस्बे के गणमान्यों ने की अगवानी
कस्बे के वरिष्ठ नागरिकों, समाजसेवियों और जैन समाज के प्रमुखों ने संतों का मार्ग में स्वागत किया और शोभायात्रा के रूप में उन्हें जैन मंदिर तक लेकर पहुंचे। स्थानीय लोगों की भावनाओं में संतों के प्रति गहरा सम्मान और अपनापन साफ झलक रहा था।
उपाध्याय प्रवर रविंद्र मुनि महाराज का प्रेरणादायी संदेश
जैन मंदिर में उपस्थित विशाल श्रद्धालु समुदाय को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवर श्री रविंद्र मुनि महाराज ने कहा—“मन में राग, द्वेष और ईर्ष्या रखना अपने ही जीवन को कष्टों से भरने जैसा है। धर्म की राह हमें आंतरिक शांति और सही दिशा प्रदान करती है।”
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के मंगल की कामना की और मांगलिक भी सुनाया। उनके उपदेश के दौरान सभा में अद्भुत शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हुआ।
नोजल गाँव में भी हुआ भव्य स्वागत
गढ़ी पुख्ता पहुंचने से पहले सभी जैन संतों का नोजल गाँव में भाजपा नेता राकेश राणा के आवास पर भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यहाँ पर भी बड़ी संख्या में जैन समाज और कस्बे के सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे।
इन प्रमुख गणमान्यों ने दर्ज की उपस्थिति
नीरज जैन, विपुल जैन, अनिल जैन (देहरादून), सुदेश जैन, दीपक जैन, संजीव जैन, नरेश गोयल, अमर जैन, सतीश गर्ग, टेकचंद मित्तल, नरेश सैनी, कुंवरपाल वर्मा, ऋषभ जैन, सुदेश जैन, प्रदीप संगल, ललित संगल, अमित संगल, मोनू संगल, नरोत्तम गर्ग, जयपाल रूहेला, दीपक गोयल, नीरज गोयल, रॉबिन मित्तल, संदीप संगल, विशाल मित्तल, डॉ. नरेंद्र कश्यप, अनिल खटीक, पवन संगल, अतुल संगल, पंकज गोयल समेत कस्बे के अनेक प्रतिष्ठित नागरिकों ने इस कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।अंत में…
जैन संतों के इस मंगल प्रवेश ने गढ़ी पुख्ता के धार्मिक वातावरण को न सिर्फ़ आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान की, बल्कि समाज में शांति, सद्भाव और सकारात्मकता का संदेश भी स्थापित किया।
✍️ विशेष रिपोर्ट
ज़मीर आलम
गढ़ी पुख्ता, जिला शामली (उ.प्र.)
“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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