कैराना तहसील प्रशासन के खिलाफ किसानों का ऐतिहासिक धरना वन विभाग की कथित गलत दावेदारी को लेकर उबाल, 6 घंटे तक चला आंदोलन

कैराना (शामली)। कैराना तहसील मुख्यालय सोमवार को किसानों के आक्रोश का गवाह बना, जब भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने तहसील प्रशासन और वन विभाग के खिलाफ जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। खादर क्षेत्र समेत आसपास के गांवों से किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और दर्जनों वाहनों में भरकर तहसील परिसर पहुंचे और करीब 6 घंटे तक आंदोलन जारी रखा।

सुबह से ही यूनियन पदाधिकारी लाउडस्पीकर के माध्यम से प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। किसानों का आरोप है कि तहसील प्रशासन और वन विभाग वर्षों पुरानी खेती योग्य जमीन पर गलत तरीके से दावेदारी कर रहे हैं, जिससे हजारों किसान परिवारों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।

पुलिस तैनाती, आरोप-प्रत्यारोप और तनाव

धरने की गंभीरता को देखते हुए तहसील परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इसी दौरान किसानों ने कोतवाली प्रभारी समय पाल अत्री पर धरना स्थल पर धमकाने का आरोप लगाया, जिससे कुछ समय के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि, बाद में स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।

सांसद का आश्वासन

धरना स्थल पर भी पहुंचीं। उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि उनकी जायज मांगों को संसद और संबंधित अधिकारियों के समक्ष मजबूती से उठाया जाएगा। सांसद ने स्पष्ट कहा कि किसानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर समाधान निकालना चाहिए।

32 गांवों की जमीन पर विवाद

भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और किसानों ने संयुक्त रूप से एसडीएम कैराना निधि भारद्वाज को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि अकबरपुर सुनैहटी, मलकपुर, मसेड़ा, सहपत बिला, गवीं बिला, भवेड, बरनावी, बीबीपुर हटिया, रामड़ा, राणा माजरा, श्यामनगर रोटन समेत कुल 32 गांवों की भूमि पर वन विभाग कथित रूप से गलत अधिकार जता रहा है।

किसानों का कहना है कि संबंधित भूमि के वैध दस्तावेज—खतौनी, सिंजरा और सासरा नंबर—पूरी तरह मौजूद हैं। यह जमीन पिछले 70 वर्षों से किसानों के कब्जे में है, जिस पर दो बार चकबंदी भी हो चुकी है। किसान इसी भूमि पर खेती कर परिवारों का पालन-पोषण करते आए हैं और बैंकों से ऋण भी लेते रहे हैं। इसके बावजूद जमीन को वन विभाग की बताना किसानों के साथ खुला अन्याय है।

प्रशासन का आश्वासन, धरना समाप्त

धरने के दौरान एसडीएम कैराना ने उचित जांच और न्यायसंगत समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद यूनियन ने धरना समाप्त करने की घोषणा की। मौके पर तहसीलदार भी मौजूद रहे।

आंदोलन तेज करने की चेतावनी

किसान नेताओं ने दो टूक कहा कि यदि किसानों की जमीन पर की जा रही दावेदारी तुरंत वापस नहीं ली गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

धरना स्थल पर गूंजते रहे नारे—

  • “चौधरी नरेश टिकैत अमर रहें”
  • “चौधरी राकेश टिकैत जिंदाबाद”
  • “जय किसान”

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष शातिर प्रधान ने कहा, “यह लड़ाई किसानों के हक और सम्मान की है। किसी भी कीमत पर किसानों की जमीन छीने जाने नहीं दी जाएगी।”


“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
शामली, उत्तर प्रदेश से
पत्रकार गुलवेज आलम की खास रिपोर्ट

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