जरूरी सूचना: SIR फ़ॉर्म भरते समय सतर्क रहें, OTP किसी हाल में किसी को न दें

विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम, प्रधान संपादक – “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, उत्तर प्रदेश

आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन दस्तावेज़ों और सरकारी प्रक्रियाओं में OTP की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। इसी कारण साइबर ठगों ने अब SIR फ़ॉर्म भरने के नाम पर लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश में कई जगहों से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं कि कुछ अज्ञात लोग नागरिकों को कॉल कर SIR फ़ॉर्म से जुड़ा OTP मांग रहे हैं।

SIR फ़ॉर्म में नंबर देना ठीक, लेकिन सावधानी ज़रूरी

SIR (Social Impact Registry/Socio-Identity Registration) फॉर्म भरते समय अपना मोबाइल नंबर देना आवश्यक और सुरक्षित है। लेकिन कई लोग इन कॉल्स के जाल में फँसकर अपना OTP साझा कर देते हैं, जिससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी या पहचान का दुरुपयोग हो सकता है।

ध्यान रखें:
OTP देना आपके बैंक खाते की चाबी देने जैसा है — इसे किसी के साथ भी साझा न करें।

OTP मांगने वाली कॉल आए तो क्या करें?

यदि आपके पास कोई कॉल आए और व्यक्ति यह कहे कि—
“आपके SIR फ़ॉर्म के लिए आपके मोबाइल पर जो OTP आया है, वह हमें दे दीजिए।”

तो आपको तुरंत और स्पष्ट रूप से कहना चाहिए:
➡️ “मैं यह जानकारी कार्यालय जाकर ही दूँगा, या अपने BLO को बता दूँगा।”

धमकी मिले तो तुरंत शिकायत दर्ज करें

यदि कॉल करने वाला व्यक्ति डराकर या धमकी देकर OTP मांगने की कोशिश करे, तो यह साफ तौर पर साइबर अपराध है।
➡️ ऐसे में तुरंत राज्य पुलिस की सहायता लें।
➡️ नजदीकी थाना या साइबर सेल में इसकी सूचना दें।

कभी भी OTP साझा न करें — किसी भी स्थिति में नहीं

OTP केवल आपके व्यक्तिगत उपयोग के लिए होता है।
ना कोई सरकारी विभाग OTP मांगता है,
ना BLO,
ना ही कोई वैध अधिकारी।

OTP साझा करने का मतलब है कि आप अपनी पहचान, दस्तावेज़ या डिजिटल सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।

नागरक सतर्क रहें — डिजिटल सुरक्षा सबसे पहली जिम्मेदारी

आज साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए सतर्क रहना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस तरह की जागरूकता आपके साथ-साथ समाज को भी सुरक्षित बनाती है।


📌 विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम
📰 प्रधान-संपादक, “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📍 उत्तर प्रदेश
📞 8010884848
🌐 www.samjhobharat.com
📧 samjhobharat@gmail.com

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